एक बच्चा दिखा मिट्टी में खेलते आज,
सालो हो गए पैर "जमीं" पर नहीं गए...
#YugalVani
हमेशा लगता था यहाँ सारी कमियां "मुझमे" है
अच्छे हो तो अच्छा ही होगा ये गलत-फहमीं है...
#YugalVani
उसका नजरंदाज करने का अंदाज भी गजब है,
दुनिया की दुनियादारी का अंदाज ही अलग है...
#YugalVani
कैसे संभाल लेती है गुल्लक सिक्को की खनक,
हमसे तो कभी "खुशिया" अकेले नहीं संभालती...
#YugalVani
मजहबी हवाओ से बचाना इन बच्चो को,
बच्चे वो पेड़ है जो दुनिया को महका दे...
#YugalVani
संसद में चूतिया,
गलियों में हम
मज़हबी ये देश में मुहब्बत है कम.
#YugalVani
कितनी भी बड़ी कहानियां हो 'चाँद' तेरे चमकने की,
बच्चो से पूंछ,
खिलौने से ज्यादा कुछ भी नहीं है तू...
#YugalVani
मजहबी हवाओ से बचाना इन बच्चो को,
बच्चे वो पेड़ है जो दुनिया को महका दे...
#YugalVani
सरहद की लड़ाइयों से क्या हासिल किया है हमने,
जमीन अब भी वहीँ है,
हाँ बस परिवार उजड़ गए..
#YugalVani
तिनका तिनका लाकर एक आशियाना बनाता है,
परवरिश क्या होती है किसी परिंदे से सीखो...
#YugalVani
वक्त, सु:ख, दुःख, ख्वाब और जिंदगी सब बदल जाते है,
मगर ‘माँ’... हमेशा ‘माँ’ रहती है...
#YugalVani
वोएकरूपयाजोमाँदेतीथीस्कूलजातेवक्त,
आजकरोड़ोकाखजानाबेकारहैउसकेसामने
#YugalVani
हरसालख़त्महोजाताहैदिसंबरआतेआते
कौनकहताहैवक्तकभीमरतानहींहै
#YugalVani
आजकल हिचकियों ने आना ही छोड़ दिया है,
लगताहैकोईयादकरनेवालानहींरहाअब... :(
#YugalVani
यहाँ न सबसे इंतजार होता है,
न ही सबका इन्तजार होता है...
#YugalVani
कुछ न करने की बातें हमने भी सजो राखी थी,
मगर इस "नये" वक्त से युगल संभल
न पाया...
#YugalVani
नीदोंकाअबनहींरहा,
वो, कईरातेगुजरगयी...
#YugalVani
अपने तो अपनोकेसाथहै,
मगरमैअकेलाहूँआजकल...
#YugalVani
वोबच्चातोबसस्कूलजानाचाहताथा,
मजहबकीलड़ाईमेंजिसकीजानलेली
#YugalVani
शर्दियोमेंअक्सरवहीहाथकापतेहै,
घर दूसरोकाबनाकरजोलौटतेहै...
#YugalVani
परिंदे अब बिजलीकेतारोमेंहीनजर आते है,
लगता है इस शहरकेपेडोपरडालियनहींबची
#YugalVani
खुदसेभीमिलनसकोइतनेपासमतहोना,
इश्कतोकरनामगरदेवदासमतहोना,
देखना, चाहना, मांगना या खो देना,
येसारेखेलहैइनमेउदासमतहोना...
#YugalVani
जिंदगी तूकितनेभीऔरइम्तेहानले-लेमेरे,
"हौसलों"कीस्याहीकभीखत्मनहींहोगी...
#YugalVani
दिल की बात बिना दिमाग के बोल देता था,
"वो" बचपन की आदतें कुछ गलत
नहीं थी...
#YugalVani
खाते में तनख्वाह अभी पहुची भी नही थी,
ख्वाहिसों ने आवाज लगनी शुरू कर दी...
#YugalVani
एक ख्वाब ख्वाब जैसा, हकीकत
हकीकत जैसी
बस यही मांग है मेरी इस अकेली जिंदगी की
#YugalVani
वोलिखतारहाखुदकेजज्बातोंकोशायरीमें,
लोगो को अल्फाजो में जादूगिरी लगी जो हमेशा...
#YugalVani
चिड़ियाकिताबोसेनिकलकरखूबचहचहातीथी...
माँजबभीटिफिनरखती...बस्ता खूब मुस्कुराताथा.
#YugalVani
अहसासो के इस शहर में, खुद के लिए फुर्सत कहा उसे,
कभी बच्चो के आंसू तो कभी शौहर का पसीना पोंछती
"औरत"...
#YugalVani
अहसासो के इस शहर में, खुद के लिए फुर्सत कहा उसे,
कभी बच्चो के आंसू तो कभी शौहर का पसीना पोंछती
"औरत"...
#YugalVani
चिड़िया "किताबो" से निकलकर खूब चहचहाती थी...
माँ जब भी टिफिन रखती...बस्ता खूब मुस्कुराता था.
#YugalVani
वोपलटनेरहेइश्ककीकिताबोको,
कभीमेरीजिंदगीहीपढ़मेरी
#YugalVani
बीमारजिंदगीमेंकुछतोअच्छारहनेदीजिये,
जबभीकोईबच्चामिलेबसमुस्कुरा दीजिये...
#YugalVani
तुमतोबदलगएहो, शिकायतक्याकरेतुमसे
हाँयहाँहालतयेहैकिहमेंखुदकीखबरनहींहै...
#YugalVani
वोमोहब्बतकीकिताबकुछऐसीछपी,
कीकुछपन्नोतकहीजिक्रहुआमेरा...
#YugalVani
तू तो ख़त्म हो जाएगी 'जिंदगी' एक दिन,
मै तो फिर भी किताबो में जिन्दा रहूगा...
#YugalVani
हाँतुमजैसाकोईऔरहोसकताहै
औरमुझजैसाभी,
मगरहमजैसा.... ?
हमजैसाकोईनहीं....
#YugalVani
न तुम हो...
न मै हूँ,
चलो चलते है जहाँ कोई न हो
कुछ हो वहां तो बस हम हो...
#YugalVani
खाली रखी बाम की सीसी बताती है,
'माँ' ने न जाने कितने दर्द छुपाये है...
#YugalVani
जैसे रात आती है और कुछ देर में चली जाती है,
कुछ ऐसा ही तुम भी अपनी यादो को सिखाओ ना...
#YugalVani
अपनीकहानीकिसीकोनहींबताईमैंने,
चंदकागजोऔरइसचाँदकोछोड़कर...
#YugalVani
न तुम हो...
न मै हूँ,
चलो चलते है वहाँ,
जहाँ हम दोनों ना हो...
#YugalVani
मंदिरो में दिए तो जलाये बेसुमार उसने ,
की घर लौटा तो रोशनी भी न कर सका वो...
आजकल कलम साथ
नहीं दे रही...
ज़हन मेंअफ़साने तोआजभी बहुत हैं ..
#YugalVani
उसेइतवारकीछुट्टीकीख़ुशीइसकदरथी
कि "माँ"कोओवरटाइम करना पड़ गया घर पर...
#YugalVani
बड़ेअजीब शौक है, कुत्ते को घरमेंपाल रखा हैं...
मगरबुढे माँ बाप को घर से निकाल रखा है !!!
#YugalVani
लिखतेरहियेआदतबुरीनहींहै...
एहसासो के इस शहर में अल्फाज भी बिकते है...
#YugalVani
बड़ीमासूमियतसेकसम "खा" कर...
उसनेकहाकीवो "भूखा" हैसुबहसे...
#YugalVani
जिनसे खेलने की उम्र है उसकी खुद की,
खिलौने वो चौराहे पर दौड़-दौड़कर बेचता है
#YugalVani
जिनसे खेलने
की उम्र है उसकी "खुद" की,
खिलौने "वो" चौराहे पर दौड़-दौड़कर बेचता है...
#YugalVani
रोजाना दफ्तर से कुछ "लफ्ज" साथ चले आते है,
कुछ "झगड़ते" है और कुछ "कहानी" बन जाते
है...
#YugalVani
'तनख्वाह' से चल रही जिंदगी भी अब
"चाँद" हो चली है,
महीने की हर "पंद्रह" तारीख को 'लापता' सी
हो जाती है...
#YugalVani
कमबख्त ये दिल ऐसे तरसता है तुम्हारे लिए,
जैसे महीने भर किश्ते तरसती है तनख्वाह के लिए...
#YugalVani
एक अजीब सा आशिक था मेरे अन्दर... कुछ दिन पहले गुज़र गया !
एक शायर सा है अब कोई... अजीब सी बातें करता है....अजीब सी
!
#YugalVani
मझे मेरी किताबो में ढूढ़ लेने....जब मै मिलूं ना कहीं
#YugalVani
दिन ढलते-ढलते आजादी भी ढल गयी, तीन रंगों वाले कपड़े और
चूड़िया..
सब अलमारी में कैद हो गए, फिर आजाद होंगे अगले साल एक पल के लिए...
#YugalVani
"दाई" जो तुम्हारा बच्चा दिनभर संभालती है,
"खुद अपना"... अकेला घर में छोड़ आती है...
#YugalVani
थाली में पनीर झूठा, तो आसानी से फेक देते है,
जो रिक्शे वाले से दस रुपये के लिए झगड़ते है...
#YugalVani
जब हाँथ आसमां तक न पहुचे...
बड़े बुजुर्गो के पैर छूना अच्छा लगेगा..
#YugalVani
इतना "पढ़ा" मैंने तुझे की,
तू "याद" हो गया मुझे...
#YugalVani
क्यों बिना मेहनत के लोग हार जाते है आजकल,
कभी चाँद को अँधेरे में चमकते नहीं देखा क्या...?
#YugalVani
दिख जाऊ गर कही तो मुझे भी बता देना..
सालो हो गए "मुझे" खुद से मिले हुए...
#YugalVani
कल ही उसने नयी "साड़ी" लाने के वादे किये थे,
आ गया तिरंगे में खुद लिपटकर 'माँ' को रुलाने...
#YugalVani
पहले अख़बार के साथ दबे पांव आती और चली जाती थी,
कमबख्त टीवी ने खबरों को भी शोर मचाना सिखा दिया...
#YugalVani
जिंदगी के अजीब एक "चौराहे" से गुजर आया हूँ,
अब यहाँ कभी 'राश्ते' बदल जाते है तो कभी 'रिश्ते'
#YugalVani
मेरी तश्वीर अपने दिल में तू उतार न
सकी तो क्या,
तुम्हारी अधूरी कहानी तो मै रोज कागजो में पूरी करता हूँ...
#YugalVani
हमें अब भी 'पूरब-पश्चिम' ने
संभल रखा है,
तुम्हे 'मस्तराम' ने कब का बिगड़ दिया...
#YugalVani
रिश्ते भी मोबाईल हो चले है अब,
धीरे-धीरे बैटरी के साथ बुझ जाते है...
#YugalVani
वो हर बात का जबाब चाहती है,
जिंदगी कोई गूगल हो जैसे...
#YugalVani
परिंदा जो कल "मंदिर" में खाना खा रहा था,
उसका घर अपनी गली वाली "मस्जिद" में है...
#YugalVani
किश्ते रोज दंगे करती है घर में,
रिश्तो में कर्फ्यू लगा रहता है अक्सर...
#YugalVani
ख्वाहिशें रोज़ दंगे करतीं हैं घर में.... रिश्तों में अक्सर,
कर्फ्यू लग जातें हैं..!!"
#YugalVani
जब जब चाभी टटोलता हूँ जेबों में घर पहुचकर,
अभी अभी देखा है चद्दर में लिप्टा पड़ा घर किसी का सड़क
#YugalVani
चलो गमो को सँभालते है 'लफ्जो' और 'स्याही' से,
ताकि जब ये कागजो पर दिखे तो,खूबसूरती दिखे...
#YugalVani
न जाने क्यों 'खो' देने के डर से सब सह लेती है
'वो',
"थक हार" कर कह देती "एक साथ" खो देने
को...
#YugalVani
बिना पतंग आसमान सूना सा है मेरे मोहल्ले का,
लगता है बस्ती में अब कोई बच्चा सा नहीं रहा अब...
#YugalVani
शाम को जब थका हारा,
दफ्तर से पहुचता है वो घर...
तो कभी बिगड़े हुए रिश्ते
या कभी बिखरी हुयी किश्ते
इंतजार में होती है,
"उसकी " !
#YugalVani
कल गहरी गहरी सांसे ले रहे थे वो,
"इतवार" भी बस कुछ पल का ही था...
#YugalVani
सुना है तुमने प्यार किया 'था', मगर मैंने प्यार
किया 'है',
बदल चुके हो 'तुम' मगर 'मै'
तो मोहब्बत अब भी करता हूँ...
#YugalVani
जब तक रही ये "जिंदगी" "जिन्दा" शोर
करती रही,
एक बेचारी मौत थी दबे पांव ले चली गयी... :)
#YugalVani
जिंदगी ऐसी दे उस गरीब को...हे खुदा,
के कम से कम "जीना" तो नसीब हो उसे...
#YugalVani
अब भी सरकारी दफ्तरों में "अफसर" बिकतें दिखते
हैं...
कल ही लोगो को कहते सुना था "अच्छे दिन आ गए"...
#YugalVani
दिल ने नफरते संभाल रखी है न जाने किस किस की...
इसने जिससे प्यार भी किया होगा , कैसे किया होगा...
#YugalVani
अब मुझे उन रास्तो में ढूढने की कोशिश मत किया कर,
जब तूने रास्ता बदला था, मैंने मंजिल बदल ली थी अपनी...
#YugalVani
'तुम' तो आज भी 'तुम'
हो और 'मै' आज भी 'मै',
मगर हमारा 'हम' और "हम" पहले से नहीं
रहे...
#YugalVani
लोगो को कहते सुना था की "मै बहुत बोलता हूँ",
मेरे चंद कागजो को पढ़ा उसने तो यकीं आया...
#YugalVani
अजब ख़ुशी थी, बेटा इंजीनियर बन बड़ा होकर घर आया बरसो बाद,
मगर आज माँ के पैर में पैबंद नहीं था, पिता कर्जे में अब भी खड़ा
था...
#YugalVani
पढ़कर कह तो दिया लिखते तो तुम बहुत खूब हो.
काश कभी तुमने मेरी हकीकते भी पढ़ी होती ...
#YugalVani
मोहब्बत का दर्द इतना था दिल में,
आज एक मोती किताब बन गया...
#YugalVani
"इश्क" तो सभी करते है इस "जिंदगी" में
किसी का "छिप" जाता है तो किसी का
"छप"...
#YugalVani
"दिल" से तो बस "इश्क" हो सकता है,
दोस्ती के लिए "जिगर" चाहिए "दोस्त"...
#YugalVani
उसके "कॉल" तुमसे मिस हो जाते है,
जो "माँ" आज भी
तुम्हे मिस करती है...
#YugalVani
वाइन-वोदका तो कब के पहुच चुके है उस गाँव में,
स्कूल और अस्पताल पहुचने में शायद वक्त लगेगा...
#YugalVani
बच्चो की भूख कभी "रोजा" तो कभी "व्रत"
के नाम पर बहलाता है,
वो गरीब मजबूर बाप अपने बच्चो को दोनों ही मजहब सिखाता
है...
#YugalVani
बरसात के पानी से छत टपकती है उसके घर में,
मगर फिर भी वो किसान बारिश की दुआ करता है...
#YugalVani
हर कहानी डरावनी लगती है यहाँ,
'माँ' जो सर मेरा तेरी गोद में नहीं
होता..
#YugalVani
अब भी जब-जब ख्वाब में आती हो तुम,
तो नींद भी हमें, बहुत गहरी आती है....
#YugalVani
सुना है तुम पढ़ती हो इसलिए 'मै' लिखता हूँ,
वरना इस कलम से अपना कोई वास्ता नहीं है...
#YugalVani
.....काश मै उस दिन कुछ बोल पाता,
जिंदगी आज इतनी खामोश तो न होती !
#YugalVani
दूर जाते वक्त एक बार पीछे मुड़ के देखना उनका,
लगता है जैसे जिंदगी वापस बुला रही है...
#YugalVani
न जाने कौन सी मिट्टी से बनाया है, खुदा ने उसे...
"माँ" हर दर्द में भी "मुस्कुराती"
रहती है...
#YugalVani
सच्चा "ईमान" हो या खुबसूरत "जिस्म",
बेचने की सोच लो तो हर तरफ बाज़ार है...
#YugalVani
साहब आपकी जो "रिश्वत" वाली 'कार' नीचे
खड़ी है...
कोई उसे "साफ़" करके कोई अपने 'घर' चलाता
है...
#YugalVani
कभी किसी ने लैपटाप बटवाए, कभी किसी ने पत्थर के हाथी...
मगर अब भी 'बच्चियों' के देर से घर आने पर
"माँ" ही घबराये..
#YugalVani
जूतों में "पॉलिश" कर हाथ "मैले" किये
उसने...
मगर कभी "किसी" के सामने "फैलाये"
नहीं...
#YugalVani
"पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ"...
मगर उन "बच्चियों" को कौन बचाएगा, जिन्हें इनमे लटका दिया
?
#YugalVani
एक बार खुदा से क्या मांग लिया "तुझको"...
अब तो खुद को "खुदा" के पास ढूढने लगा हूँ...
#YugalVani
कोने में रखे 'कागजो' में देख; कैसे
संभाल रखा है 'तुझे'...
समझ आ जायेगा 'लापरवाह' कौन था ? "मै" या "तू"...
#YugalVani
जाग जाता है 'वो' किसी की जरा सी 'आहट' से,
खुदा गर 'गरीब' को बेटी दे...तो
"दरवाजा" भी दे...
#YugalVani
आज भी चुप रहकर, अपनी हजारो ख्वाहिशे कुर्बान करती है...
"बेटे" की कोई जिद अधूरी न राह जाये, "माँ" आज भी डरती
है...
#YugalVani
जिन्दा 'आँखों से नही देखा इन 'कंधो' को मिलता,
जो "साथ" मिलकर आज उसे "कब्रिस्तान" ले
गए...
#YugalVani
जरा सी 'किलकारी' से जग जाते है 'वो' रातो में...
खुदा "बच्चा" दे गरीब को तो "खाना" भी
जरुर दे...
#YugalVani
'सह्जादो' ने आज फिर हाथ नहीं लगाया ठन्डे
खाने को,
'नौकरों' के यहाँ कल फिर से 'दावत' मनाई जायेगी...... :)
#YugalVani
न जाने क्यों 'जंग' लड़ते है दुसमन बनाने के लिए,
थोड़ा 'कामयाब' होकर तो देखो खैरात में
मिलेगे...
#YugalVani
कपड़े "उसके" फटे थे पर 'नंगा' मै
महसूस कर रहा हूँ...
आज फिर एक"छोटू" एक रुपये में हजारो की मुस्कान
दे गया...
#YugalVani
मेरे वाजूद में तू आज भी मौजूद है...
कुछ तश्वीरे जला देने से यादें नहीं जलती...
#YugalVani
कही तो होगी ऐसी दुनियां, जहाँ साथ तू मेरे होगी.
तू बस रास्ता बता दे, या फिर नयी दुनिया साथ बसा ले.
#YugalVani
सालो से उस खिड़की का कांच नहीं टूटा,
मोहल्ले के वो बच्चे न जाने कहा चले गए...
#YugalVani
लिखते रहिये, आदत बुरी नहीं है...
#YugalVani
न जाने क्या क्या ले गए तुम अपने साथ,
कलम और कागज भी साथ नहीं देते अब तो...
#YugalVani
जिंदगी हम भी जी लेते.. ख़ुशी ख़ुशी,
अब साँस ले कैसे जो तू है नहीं यहाँ..
#YugalVani
"दोस्तों" से भरी महफ़िल भी आज "अजनबी" सी
है,
न जाने इस "बाजार" में क्या क्या और...
"बिकेगा"
#YugalVani
मैंने हमेशा "हँसना" अपनी आदत बना ली है,
सुना है "छुपाने" का इससे बेहतर तरीका नहीं है
#YugalVani
तेरी आवाज जब जब मेरे जहन में गूंजती है,
तब तब मै सुनाई खुद को नहीं देता...
#YugalVani
रोज रोज ये उदासी के बाज़ार पूंछते है...
कहाँ गयी वो खुशियों का खाजन... :(
#YugalVani
रोज रोज ये उदासी के बाज़ार पूंछते है...
नेता जी, कब आय्र्गी खुशियों की बाहर...?
#YugalVani
कोने की मेज़ पर पड़ा एक काेरा काग़ज़....
न जाने किस नयी कहानी के इंतजार में है...
#YugalVani
बेचारी "माँ" रोज जेब देखती, बेरोजगार बेटे की...
कही जेब में उसने "जहर" तो नहीं रख लिया...
#YugalVani
कभी कुछ लिखकर देखिये,
मानिए बड़ा सुकून मिलेगा...
#YugalVani
कोई सिकवा नहीं अब भी एक रिश्ता तो है ...
मोहब्बत का न सही नफ़रत ही सही
#YugalVani
अगर जानना है कितना नजदीक हूँ,
बस एक बार दूरी बना कर देख लो...
#YugalVani
आज तुम गुमसुम हो
अपनी अधूरी ख्वाइशों के लिए ,
उस सरफिरे को देखो जो जेल में पड़ा है तुम्हारे लिए...
#YugalVani
उससे दूर होना मुझे मुझसे दूर ले गया...
अगर कहीं मिले वो तो पता पूंछ लेना...
#YugalVani
अच्छा भला सा आदमी बेकार हो जाये...
'अंकुर' जरा बचके कही प्यार हो न जाये...
#YugalVani
कितना अजीब है इस दुनिया का दस्तूर...
दिल के पास रहते है मेरे, मुझसे कितना दूर...
#YugalVani
पति के जूठन से खोलती रही सारे व्रत ,
एक मुस्कान पर बदचलन बतलाई गई !!
वोदौड़तेरहतेथे,
क्रिकेटकेमैदानोंमेंदिनभर.
जिन्हेंआजबिनागाड़ीकेचलनादूभरहै, पलभर...
मीलोपैदलचलीथीवो,
तुझेखड़ाकरनेमें,
माँकेसाथआज,
तूचारकदमभीनहींचलता...
#YugalVani
ख्वाहिस बस दो रोटी की होती है उनकी
जो बड़े बड़े होटलों में पनीर परोसते है..
#YugalVani
जिस खेत के आगे खड़े हो कर, उन्होंने तस्वीर खिचाई थी
आजकल वहां एक बहुमंजली ईमारत कड़ी है...
#YugalVani
लगता है ईंटो के बीज बोने का दस्तूर चला है
जहाँ देखो गाँवो के
खेतो में इमारते खड़ी है...
#YugalVani
उन लहलहातेगाँवो से ही निकले है ये शहर...
माँ को छोड़ दिया ठीक है, इज्जत तो मत छोड़ो
#YugalVani
दुकानों से क्या खफा थी, जो गाँवो से
भी चुरा लिया इन्हें...
मिट्टी ही ठीक थी,
ईंट बेचकर तो गाँव भी बाज़ार में बदल दिए ..
#YugalVani
ख्वाब बड़ी बड़ी मंजिल के मत दिखा मुझे...
जहाँ से हम चले थे वो रास्ते कहा चले
गए...?
#YugalVani
दिल तो
अभी भी उनका पत्थर का ही है...
हम तो बस उसमें खुदा की ललक के लिए है...
#YugalVani
काट दिया था जल्लादों ने तो उस पेड़ को
हफ्तों पहले..
मगर वो परिंदे अब भी अपना बसेरा ढूढने रोज
आते है...
#YugalVani
कोई एक रात जला तो आपने उसे चिराग कह दिया,
बरसो से जल रहे है हम कोई ख़िताब यहाँ भी
दे दो...
#YugalVani
महीने का आखिरी होने वाला है,
बैंक की किश्ते कुण्डी खट-खटाएगी...
#YugalVani
जिंदगी अपनी होकर भी अपनी नहीं है,
कार परायी सी है और घर किराये सा...
#YugalVani
सुबह वो खुद रात का बचा खाना खाती थी...
जिस माँ ने कभी ठंडी रोटी मुझे खिलाई
नहीं...
क्या तुम्हे आता है अंदाज मुकर जाने का ?
हम तो थक चुके है ये वादे निभा निभाकर...
#YugalVani
पैसो में मत लगाओ इन लम्हों की कीमत, चूका नहीं पाओगे कर्ज हमारा...
चलो एक लम्हे का एक पैसा ही सही अब अरबों
के कर्ज़दार हो तुम हमारे
#YugalVani
कोहराम ही जिन्दादिली है इस ज़माने की..
खामोश रहे तो जीने नहीं देगी ये जिंदगी
...
#YugalVani
चाय के जल्वे तो बस कुछ दिनों के है...
बाद में सब दूध का दूध और चाय का चाय हो
जाना है...
#YugalVani
शिकायत तो हमेशा रहेगी, तेरे बदलने की,
मगर तेरी कुछ बातों ने मुझे जीना सिखा
दिया...
#YugalVani
ये दिल हार मान गया था तेरे ओह्टो से एक
ना सुनते ही,
तभी किसी ने बाताया अभी तो अभी तो पूरी
बात बांकी है
#YugalVani
हम हजार बार मर लिए यूँ ही चुपके चुपके...
न तुझे हुयी खबर और न जमाना समझ सका.
#YugalVani
फुटपाथ पर सोये
थे कुछ भूखे लोग..
उन्हें देख आज
घर बहुत याद आया..
#YugalVani
बड़ी गजब मार है
यहाँ,
अगर बज भी जाओगे
जिंदगी से,
तो उम्र मार
देगी...
#YugalVani
लोग काँटों से
बच के चलते हैं
मैंने फूलों से
ज़ख़्म खाए हैं
#YugalVani
जख्मो से बचने
के लिए,
काँटों से बच के चलते है
मगर यहाँ तो
फूलों ने ही ज़ख़्म के बाज़ार बना डाले..
#YugalVani
हे ग़ालिब अब गम
को जताने का कोई,नयाँ रास्ता इजात कर..
तेरी इन बेगानी
आँखों का ये पानी तो अब पुँराना हो गया...
#YugalVani
कुछ लोग हंस रहे
थे मुझ पर...
कमबख्त एक तो
आईने में भी था..
#YugalVani
इश्क की ये दुनिया फिर से कितनी
अँगूठा-छाप हो गयी..
पहले हाथ से लिखा प्रेम पात्र मिलता था,
मगर अब फोन पर टाइप मैसेज ही मिलता है...
#YugalVani
ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता करूँ,
शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं।
#YugalVani
मैं और मेरी किस्मत साथ जलते हैं इत्त्फ़ाक
से,
मैं जलता हूँ आग से वो जलती है राख से।
#YugalVani
दूध पीते हुए बच्चे की तरह है दिल भी....
दिन में सो जाता है रातों को जगाता है
मुझे....
#YugalVani
इस सियासत की जबां भी बड़ी अजब है
यहाँ इकरार को भी वि इंकार पढ़ते है ..
#YugalVani
बेचारावोअख़बारभीसुबहसुबहरोपड़ा..
"हिंदी"
मेंछपताहूं, इसीलिएकमबिकताहूं
#YugalVani
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी
यूं कोई बेवफ़ा नहीं होता
जी बहुत चाहता है सच बोलें
क्या करें हौसला नहीं होता
#YugalVani
परीक्षा के रिजल्ट का वो एक लम्हा...
कैसे हँसती खेलती दुनिया को उजाड़ देता है।
#YugalVani
जब अपनी पुरानी स्कूल की इमारत को देखता
हूँ
तो सोचता हूँ मुझे बनाकर खुद टूट सी गयी है ...
#YugalVani
सड़कों पर रफ़ू होने लगा है....
चुनाव आस पास होंगे....
#YugalVani
फिर से इच्छा है जिंदगी जीने की,
बस दुआ करना इश्क न हो..
#YugalVani
पल पल में दफ्तर की वो चाय..
जैसे बंद जेल में मिठाई बाटी हो...
#YugalVani
क्या मिला हमें सदियों की मोहब्बत से..
एक शायरी का हुनर और दुसरा जागने कि
सज़ा...
#YugalVani
तनख्वाह का दिन बेचारा, सुबह से बैंक का खाता इंतज़ार में है...
किस्तों की किस्मत कितनी बद्लिएगी, हिसाब उम्मीद लगाए बैठें हैं .....
#YugalVani
बहके कदम तो गिरा उसकी बाहों में जाकर,
देखो आज मेरा पीना ही मेरे काम आ गया।
#YugalVani
जब बहका तो गिरा उसकी बहो में जाकर,
देखा आखिर मेरा पीना मेरे ही काम आया,
#YugalVani
उन्हें क्या पता क्या होते है मस्जिद और
शिवाले...
वो जो भूखे होते है वो बस जानते है
निवाले...
#YugalVani
कमबख्त आज की याद एक एहसास दिला गयी
'वो साथ निभाने' वाली बात, तुम्हारी बात आखरी थी...
#YugalVani
वक्त का पिटारा था जब मेरे पास, तब तेरा प्यार मिल न सका...
आज तेरा प्यार है बहुत, मगर अब फुर्सत चार लम्हे नहीं है.
#YugalVani
जब था वक़्त बहुत, तब मिल सका तेरा प्यार नहीं,
आज तेरा प्यार है बहुत, पर फ़ुर्सत के लम्हें चार नहीं।
#YugalVani
कार तुम्हारी हिम्मत से नहीं पेट्रोल से
चलती है
उसकी पैदल रिक्शा देखो हिम्मत दिख जाएगी
#YugalVani
अभी अभी सोचा ज़िन्दा हूँ, तो घूम ही लूँ ...
वर्ना मरने के बाद तो भटकना ही है...
#YugalVani
माना मै अमीर नहीं हूँ ,
मगर...
सारे गम खरीद सकता हूँ
तुम्हारे...
अपना बनाके तो देखो.
#YugalVani
ये वक़्त के नाखून...पैने कब नहीं थे...?
मगर
मेरा चेहरा सलामत है अभी तक....
#YugalVani
सारे दोस्त, रिश्ते और प्यार कैद है, जेब में पड़े इस मोबाईल में..
आजकल बटनों से बस मशीने ही नहीं बहुत कुछ
चलता है..
#YugalVani
नींद बड़ी गहरी आती है, अगर तुम ख्वाब बन जाओ..
आजकल नींद से भी प्यार है हमें,
जबसे तुमने कहा है 'तुम्हारे लिए ख्वाब हूँ मै...
तुम अगर ख्वाब में आने को कहो
नींद से कुछ इसलिये भी प्यार है हमे, तुमने कहा था, तुम्हारे लिए ख़्वाब हूँ मै
#YugalVani
ट्रैफिक पर खड़े भूखे गरीब को हंसते हुए
देखा..
सच में कितनी दौलत थी उसके चेहरे पर..
#YugalVani
गजल लिखे, शेर लिखे या कुछ और
लिखे,
तुझे दिल से कागज में उतारे तो उतारे कैसे
हर वो इन्सान जो तुमसे झुक कर मिला होगा,
यक़ीनन उसका पद तुमसे तो बड़ा ही होगा..
#YugalVani
आजकल फ़िर से वो कुरेदने लगे घाव हैं..
अरे हाँ हाँ फ़िर से देश में चुनाव है
.....
#YugalVani
जबरातमेंउनकीयादआतीहै,
मैबालकनीकीकुर्सीपरबैठजाताहूँ..
खुदसेरूठजाताहूँ..
खुदकोहीसमझाताहूँ...
#YugalVani
कलतकतोतुम्हेंसरहदोंकिफिकरथी
आजतुमदेशकोबेचनेहीनिकलपड़े....
#YugalVani
आजइसमोबाईलनेहाथोमेंघरबनारखाहैयूँ,
कीवोबच्चोकीउँगलियाँपकड़नाहीभूलगए
#YugalVani
चौराहोंपरबुततोनएहैनेताओके,
मगरसड़कोकेगड्ढेअबवैसेहीहै...
#YugalVani
कमबख्तयेराजनीतिआजकलशामकोमेरेरिश्तोमेंआजातीहै
मैंहोजाताहूँमनमोहनसिंहऔरवोअरनबबनखूबजुल्मधातीहै
#YugalVani
आमआदमीतोखुदाकोभीदसदिनकेबादडुबोदेतेंहैं
तुम्हेकुछदिनोंतकसरपेबिठायातोगुरूरकैसा..
#YugalVani
चिड़ियानेउसखिड़कीपरघोसलाऐसेहीनहींबनाया..
तुम्हारीजहाँआजईमारतहै, कभीवहांएकनीमकापेड़था..
#YugalVani
कौनकहताहैजिंदगीबिकतीनहींहै?
अस्पतालकेबाहरकीलम्बीकतारनहींदेखिक्या...
#YugalVani
आजतारीखक्याहैजराउनसेपूंछिये
जोजोरबचीहुयीतनख्वाहगिनतेहै..
#YugalVani
एकमैंथाजोलफ़्ज़ढूँढ़-ढूँढ़करथकगया,
वोखरीदेहुएफूलदेकरइज़हारकरगया।
#YugalVani
ख्वाबभीअबदर्ददेनेलगेहैं,
कलरातख्वाबमेंउन्हेंबुलाकरदेखा।
#YugalVani
मेराउदासरुखदेखकरलोगतेरामिजाजपूंछतेहै
बसयहीखुशनसीबीहैशायदमेरेनसीबमें।
#YugalVani
मै,
एकअकेलातन्हानहींहूँइसजहाँमें...
कलमयखानेमेंकईऔरसाथीमिलगए..
#YugalVani
तंगहोकरखुदासेमांगीमौतजोमैंने,
तभीकिसीनेमेरेजीनेकीदुआमांगली..
#YugalVani
हररोजसोचताहूँलिखूंकुछउनकेलिए,उनकीयादमें,
कलमतोरुकजातीहैमगरआंसूचलपड़तेहै
#YugalVani
वोअख़बारभीराद्दियोंकेभावबिकतेरहे
जिनमेछपीथीखबर'फौजियों' केमरनेकी...
#YugalVani
इसकदरघायलकरेगीवोआवाजसोचानहींथा
धीरेसेकहकर "जान"
"बे-जान" करदियाहमें...
#YugalVani
जोरहतातोहैहज़ारोंदिलोंमें...
वोहोतानहींकिसीकाभी..
#YugalVani
येमेरी'घुटन', तूमुझमेंहीरह..
बहारआकरनजानेकितनोकीजानलेगी..
#YugalVani
एकमुशीबतहै
जोएकबारआकरकभीजातीनहींहै,
एकयेहै
जोहमेशाआतेहीचलीजातीहै...
#YugalVani
नामैंतेराहोसकानाअपनाहीरहा,
यादकरकरकेतुझेमैंखुदकोभुलातारहा।
#YugalVani
यादउसेकरकरमैखुदकोभुलातारहा...
आजमैनउसकाहोसकाऔरनहीअपनारहा...
#YugalVani
स्टेसनपरउतारतेहीगीताप्रेसकीदुकानदेख
दादीकीबहुतयादआई...
#YugalVani\
कुछझगड़ोकोसबसेछिपारखाहैमैंने...
इसतनख्वाहसेनहींबनतीमेरीकिश्तोंकी
#YugalVani
वोनिकलेथेयहाँख़ुशीके "फूल" लेने,
मगरयहाँतो "गमो"
कापूराजंगलहै...
#YugalVani
जहाँमेंसबभूलबैठेहै,
किस्मतकोईचीजनहींहोती,
उसेहमबनातेहै "हम"..
#YugalVani
कौनकहताहैउसपुरानेशायरकीकीमतनहींरही?
दरियागंजकीपुरानीकिताबोकीदूकानमेंअबभीबिकताहैवो...
#YugalVani
रोजकहतीहै'वो' मेरेबिनाभीजिंदगीजीनासीखलो,
बिना'जिसके' एकलम्हाभीगुजारनामुश्किलहै
#YugalVani
वो "मजदूर" बेख़ौफ़चढ़जाताहै, उनऊँचीऊँचीइमारतोमें
जिसेखौफहोताहै
"कहीउसकाबच्चारातमेंभूखानसोजाये"
#YugalVani
अक्सर बिना 'मुलाकातो' के 'रिश्ते' बिगड़ जाते है...
जैसे
लगाकर पेड़ भूल जाने से बेचारे सूख जाते है...
#YugalVani
अक्सर शहर की इमारतो की उचाईयां देखकर,
बचपन और बाबा के वो कंधे बहुत याद आते
है
#YugalVani
वो बैठा रहता है रात तक अपना सच लिए,
जहाँ दोपहर तक बिक जाता है सारा झूठ...
#YUgalVani
जब देखो निकल पड़ते हो माँ-बत्तियां लेकर,
कभी वोट डालने के लिए निकल कर देखो...
#YugalVani
वो बेचारे अधनंगे बच्चे रात में वहीँ भूखे
सोते है,
जहाँ नेता जी ने लाखो की होर्डिंग लगवाई
है...
#YugalVani
वो कैसे चल दिए गाँव छोड़... हाँ छोड़ कर
गोवा..
मगर एक सोच होगी जैसे दिल....दल-दल में
गया
#YugalVani
बचपन की एक कॉपी देखी आज,
क्या शायरी क्या गजल सब बेकार है...
#YugalVani
इस इश्क के बाज़ार में नींद भी नीलम हो
जाती है,
किसी को भुलाकर 'सोना'
इतना आसान नहीं होता
#YugalVani
न जाने कब खाना होगा उस गरीब की थाली में
जो हर बार अपनी थाली को देखकर ...वोट देता
तो है
#YugalVani
कभी खुद को पूरा तेरे हाथो में सौप दिया
था,
और आज अपने ही हाथो की लकीरों में ढूढ़ता हूँ तुझे..
#YugalVani
आज उंगली पर एक दाग तो है , पर "बेदाग"
है...
दिल साफ़ है और इसी दाग से नेता "बेनकाब" है...
#YugalVani
मोहब्बत बुरी होती है, मोहब्बत
बहुत बुरी होती है...
बोल बोल कर थके जा रहे है, और
किये जा रहे है..
#YugalVani
इस बेवफाई के ज़ख्म देता कोई है,
शायरी और किताबे लिखने खुद बैठ जाते है..
#YugalVani
उंगली बनाकर, उंगली
पकड़कर चलना सिखाया...
उस "माँ' को भी
उसने अगुठा दिखा दिया...
#YugalVani
आखिरी रोटी भी खिला देती थी तुझे वो,
जिस 'माँ' को भूलकर मंदिर
ढूढने निकला है...
सुई-धागे से सींती थी वो मेरे कपड़े,
"माँ" के लिए आज तक एक साड़ी भी
नहीं ली
#YugalVani
अब आज ये सड़क और नालो से नाराजगी कैसी ?
चुनाव के दिन तो निकल जाते हो पिकनिक
मनाने...
#YugalVani
उस शहीद की माँ आज भी अकेले में बहुत
रोती है...
जिसके नाम एक चौराहा एक स्कूल और एक मैदान भी है...
#YugalVani
खेत वही है जो कल भी खाना देते थे और आज
भी,
मगर आज
इमारतो के आगे इनकी चलती है...
#YugalVani
दौलत कमाने में न जाने क्या क्या गवां
दिया हमने,
आलम ये बचपन वाली वो नींद भी नहीं आती अब
...
#YugalVani
कौन कहता है रिश्तो को भूख नहीं लगती,
जनाब कभी प्यार परोस कर तो देखिये...
#YugalVani
चलो दूर चलते है इस इंटरनेट से,
घर के रिश्ते "इंतजार" कर रहे
है...
#YugalVani
तूफ़ान आया और उड़ा ले गया आज घर परिंदों का,
इसे क्या पता कैसे बनाया था ये घोसला
उन्होंने....
#YugalVani
वो गरीब बच्चे अब भी बिना
"कपड़ो" के "जीते" है,
मगर यहाँ मिल जाता है "कफ़न"
"मरने" वाले को
#YugalVani
जब जब याद आती है "माँ" की इन
सरहद के जवानो को,
चूम धरती को और लगाकर माथे से मिटटी सुकून
से सो जाते है वो
#YugalVani
रात में खिड़कियों से आज भी गाड़ियों की
आवाज़ आती है..
न जाने ये बेचारे कौन लोग हैं ये ,जो अब
तक पहुंचे नहीं कहीं ..
#YugalVani
"पैसे के लिए" माँ के एक ख़त ने,
दारु-सिगरेट सब छुड़ा दी उनकी...
#YugalVani
याद आती है पर दो लफ्जो की बात मुश्किल है
अब तो लिखकर ही सब..सब कुछ कहना पड़ता
है...
#YugalVani
यादें इस तरह बिखरी है तेरी फलक में,
जैसे खिलौने किसी छोटे बच्चे के फ़र्स
पर...
#YugalVani
जहाँ में दर्द बेचना इतना आसान नही होता,
वर्ना यहाँ तो सब के सब व्यापारी ही
होते...
#YugalVani
गाँव का शहर और घर का मकान बन चुका है इस
जहाँ में,
अब कोई असरा मत रखना, रिश्तो
की भी दुकाने खुल गयी है
#YugalVani
ढूंढ़ लाता है मुझे हर कोने से,
मेरा अकेलापन भी बांटने आ गया।
#YugalVani
बारिश की पहली बूंद की तरह थी मोहब्बत
उनकी,
कुछ लम्हों तक ही रही चेहरे पर फिर ढह गयी
वो...
#YugalVani
कौन कहता है मौत किसी का इंतजार नहीं करती ?
तेरे जाने के बाद से अब तक आने की उम्मीद
में बैठी है...
#YugalVani
गुस्ताखी भी ऐसी क्या हुयी मुझसे, जो
लोग इतना जलते है...
जहाँ में अकेला मई नहीं हूँ मई जिसने
मोहब्बत की हो... :)
#YugalVani
इतनी चुप चाप सी मत रहा करो...
कानों का शोर दिल को चीर जाता है
#YugalVani
आज गाँवो में जिसके खेत
"सूखे-सूखे" से थे,
दिल और आँखों में "नमी" भी उसी
के थी...
#YugalVani
तिनका तिनका जोड़ कर बनाया था बसेरा उसने,
फिर भी लोग कहते है खाली है झोपड़ा उसका...
#YugalVani
"दिल" तो हैरान है फिर से एक और
"धोखा" खाकर,...
मै हैरान हूँ "कम्बखत अब तक हैरान
होता है " देखकर...
#YugalVani
ये जो जलेबी की तरह उलझ गयी है जिंदगी,
चलो इसे लेकर कही चासनी में डुबोते है...
#YugalVani
जिंदगी में बात अब यूँ ही नहीं बनती...
रोजाना
वो बरसते है और मै भींगता..
#YugalVani
कितने सलीके से रखता था किताबो को बस्ते
में वो बचपन,
आज हम बड़े हुए है, जिनसे
खुद की जिंदगी नहीं संभलती...
#YugalVani
आजकल रिश्ते भी टेलीफोन हो गये है,
सिक्के डालो तभी बात होती है इनसे...
#YugalVani
कौन कहता है माँ के हाथो में जादू नहीं है, देखा
नहीं...
टिफिन तैयार हो जाता था, स्कूल
बस का हार्न बजते ही.. .
#YugalVani
उसनेचीनीकेडब्बेमेंकुछपैसेछिपारखेथे,
"माँ" ने'युगल' केख्वाबऐसे "पका" रखेथे...
#YugalVani
दिनभरजबलोगोकीसुन-सुनकरछकजाता,
एकवोलोरी "माँ"
कीरातबनादेतीथी...
#YugalVani
माँकीममतानेनजानेकैसेकैसेहिसाबलगाया,
पानीयाकैसेभीदोनोबच्चोकोदूधपिलाया.
#YugalVani
बीमारमाँ "कोकभीकभीयेदवाभीदीजिये...
जबजबभीमिलेबसदिलसे "मुस्करा"
दीजिये..
#YugalVani
आजभीजबघरलौटामै, दरवाजेपरहीपायाउसे...
नजानेकैसेवोअपनेघुटनोंकादादरछुपातीहै...
#YugalVani
गाँवसेनिकलबेटा "कलेक्टर"
तोबनगया,
मगरइनसबमे "माँ" के
"झुमके" नहींरहे...
#YugalVani