एक सरबजीत के लिए इतने आंसू क्यों : अंकुर मिश्र "युगल"


देश का एक नागरिक शराब के नशे में देश की सीमा में घूमता है तो कोई दूसरा देश उसे अखिर क्या समझेगा ! कोई पाकिस्तानी , चीनी या नेपाली भारत के अन्दर घुसकर इस तरह से घुमते हुए पकड़ा गया तो क्या उसे भारत सरकार या कानून गिरफ्तार नहीं करेगा ? ऐसी ही दशा में जब भारत का कोई व्यक्ति पडोसी देश में जाता है तो उसका पकड़ा जाना स्वाभाविक है !
लेकिन पकडे जाने के वहां दी गयी यातनाये निंदनीय है उन्हें  इसकी जाँच करके उसे बरी करना चाहिए था !
इस बात के लिए पाकिस्तान हमेशा दोषी रहेगा और उसे इसे स्वीकार भी  चाहिए लेकिन अब देश में इतने आक्रोश का माहौल क्यों ? आखिर क्या जनता अब भी नहीं समझी की सर्कार उसकी नीतियाँ समझ चुकी है, मौन और बौन प्रधानमंत्री को पता चल चूका है "ये जनता है चल दिन हल्ला करेगी और उसके बाद शांत हो जाएगी" ! ऐसे में क्या लगता है की भारत सरकार  में इतनी हिम्मत है की पाकिस्तान से इस बात का जबाब मान सके ? या जबाब ले सके ?  जब इस देश में साडी अच्छी या बुरी बाते एक सामान हो चुकी है तो जनता को भी अपनी जिम्मेदारियां दिमाग से समझनी चाहिए !
देश में देश की रक्षा के लिए अन्दर बाहर और सीमा पर हजारो लोग मारे जाते है ! उन्हें और उनके परिवार को पता होता है की जहाँ वो है उनकी जान कभी भी जा सकती है लेकिन फिर भी उनमे जज्बा होता है जो एक साधारण मनुष्य से अलग बनाता है ! लेकिन उस व्यक्ति को मरने के बाद जो सुविधाए मिलती है उससे अच्चा तो यही है की उसे भी सरबजीत सिंह जैसी हरकते करनी चाहिए ! और सीमा पार में जाकर प्रतिदिन सुबह शाम घूमना चाहिए ! आखिर सरकारे उस व्यक्ति के मरने के बाद इतने मुआवजे देकर दर्शाना  क्या चाहती है ? या फिर यहाँ भी वोटबैंक की राजनीती ! इस मुआवजे की जरुरत उसे है जिसके पास खाने के पैसे नहीं है जिसके राते सड़क के किनारे गुजरती है ! इस नौकरी की जरुरत उसे है जिनके यहाँ दिन के चूल्हे जलने दूभर है ! इसकी जरुरत इस परिवार को बिल्कुल नहीं है ! मई मानता हूँ सरबजीत के साथ गलत हुआ इसका जिम्मेदार वह व्यक्ति खुद भी है !




मुझे तो खेद है कही कुछ दिनों बाद भारत सरकार  सरबजीत सिंह को भारत रत्न, पद्मभूषण या परमवीर चक्र देने की बात न करने लगे ! आखिर जनता , सरकार और पडोसी कब समझेगे ये तो नहीं पता लेकिन ये सरे इसके हल नहीं होते !