जो घटना ६ दिसंबर १९९१ को हुई थी उसका परिणाम निकलना ही चाहिए!...........


भारत के कानून को बहुत ही ढीला माना जाता है! यहाँ कोई भी गैर क़ानूनी मामला होने के बाद उसके न्याय दिलाने में शादियाँ लग जाती है! लेकिन लिब्रहान आयोग (Indian Goverment) ने अपनी रिपोर्ट को पेश करने में बहुत ही जल्वाजी दिखाई और ise समय se pahle hi ,जो हिन्दू और मुशलमानो को ladane की nai टेक्निक हो सकती है और अपना वोट बैंक बढ़ने की नई सोची समझी शाजिश !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!1
अरे विदेशी आक्रमण करे और वो हजारो भारतीयों को बलि क बकरा बनाये इससे कोई मतलब नहीं है! उन महान भारतीयों को मात्र शहीदों की श्रेणी में डालकर ,उनकी फोटो दीवाल में लगाकर चार आशुं बहाकर चार दिन में भूल जाते है, और कहते है की वो महान थे उन्होंने हमारे लिए अपनी भी नहीं सोची अरे वो तो महान थे ही इसको बताने की कोई जरुरत नहीं है उन्होंने तो इसे खुद दिखा दिया! अब बारी आपकी है उनके बलिदान को खाली मत जाने दीजिये उन्होंने जिसे को खत्म करने की कोशिश की थी उसे आप जड़ से ख़त्म कर दीजिये, जो आपको महान बनाएगी ! आज अयोध्या कांड को १८ साल होने को है वहां आज तक पता नहीं चल पाया की मंदिर था या मस्जिद अरे पता भी कैसे चलेगा क्योकि उसको बनाने वाला तो अब रहा नहीं पर जो घटना ६ दिसंबर १९९१ को हुई थी उसका परिणाम निकलना ही चाहिए! वहां हजारो राम भक्त कारसेवको ने अपनी बलि di थी उस बलि क परिणाम निकलना hi चाहिए!यह mai इसलिए नहीं कह रहा ki हमारा देश हिन्दू राष्ट्र है और एक हिन्दू राष्ट्र में प्रथम प्राथमिकता हिन्दुओ को मिलनी चाहिए, बल्कि हम जिस इतिहास को मानते है ये वो इतिहास कहता है ki मंदिर vahi था आज की सरकार तो अपनी वोटो की संख्या बढ़ने के फेर में कोई परिणाम देने में सक्सगाम है नहीं उसे खतरा है ki यदि मैंने हिन्दुओ के लिए मंदिर के आदेश दिए तो मुस्लिम वोट चले जायेगे और यदि हिन्दुओ को मना किया तो हिन्दू वोट चले जायेगे !अतः हमारी आज की सरकार से कुछ नहीं होने वाला मंदिर ko बनवाने में जो सरकार सक्षम थी vo aj विपक्ष me hai!!!!!!!!!!!!!!!!!
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