PLEASE Sir, एक कदम हमारे साथ भी --- अंकुर मिश्र "युगल"


आज शिक्षा की स्थिति पर विचार करने की इच्छा हो रही है,
हमारे राजनीतिज्ञों का कहना है की हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में लगातार उन्नति कर रहा है, और हाँ यह सत्य भी है की हम शिक्षा में लगातार उन्नति के मार्ग पर अग्रसर है !
परन्तु एक कठोर वास्तविकता ये भी है की ये उन्नति केवल उन्नतिशील क्षेत्रो को ही मिल रही है, यहाँ उन्नतिशील का सीधा मतलब शहरीय क्षेत्रो से है,
जी हाँ हम जानते है की यहाँ(शहरिय क्षेत्रो में)) देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थान, प्रद्य्गिकीय संस्थान, प्रबंधन संस्थान एवं सभी बड़े संस्थान है परन्तु इन सबको विकास के बड़े बड़े पैकेज देते समय हम ये भूल जाते है की इन संसथानो में पढने वाले विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रो से ही होते है !यहाँ बात इन बड़े बड़े पैकेजो की नहीं है यहाँ तो शिक्षा के बदलेव की बात है, हमें तो खुशी होती है की देश को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने में हमारी सरकार इतने महत्वपूर्ण कदम उठा रही है परन्तु ये सब शहरिय इलाको में ही क्यों,हमारे गाँवो को भी देखिये "सरकार",
यदि हम ग्रामीण क्षेत्रो में इस पर नजर डालते है तो कुछ सूना-सुना सा नजर आता है, मै समझता हूँ इसका श्रेय केवल सरकार को नहीं जाता है वरन सरकार और जनता दोनों ही इस दशा और दिशा के दोषी है,
दृष्नीय तो यह है की सरकार ने गाँवो में विद्यालयों को तो बड़ी मात्रा में खड़ा कर रखा है परन्तु इनका सञ्चालन करने या अध्यापको से करवाने में वो खरी नहीं उतर पा रही है, वहाँ उन्होंने इतनी सुविधएं दे रखी है की आज हर ग्रेजूएट सोचता है की "यार मास्टर बन जाओ मस्त जिंदगी गुजर जायेगी" उन्हें उन भविष्यो की चिंता नहीं है जो आंगे देश के कर्णधार होंगे ! इसे क्या कहा जाये ग्रामीण प्रतिभाओ को दबाने की सोची समझी योजना या फिर .................. !! जैसा भी हो स्थिति सोचनीय है !देश की शिक्षा पध्धातियो में कुछ बदलाव की आवश्यकता हमेशा नजर आती है, इन समस्यायों में सबसे पहली समस्या "तकनीकी" शिक्षा की रहती है हम देखते है की ग्रामीण विद्यार्थी हमेशा इस कठिनाई से गुजरता है जब भी वो अपनी आरंभिक पढाई के बाद किसी तकनीकी शिक्षा के बारे में सोचता है तो उसे हमेशा अपनी नीव कमजोर नजर आती है वाही आप शहरिय क्षेत्रो में देखिये एक "एल.के.जी." का बच्चा तकनीक से जुड़ जाता है ! परन्तु ग्रामीण क्षेत्रो में देखे तो "तकनीकी "उदाहरण "कम्पूटर" का कोई दशवी कक्षा का विद्यार्थी "क" भी नहीं जनता !! इसी वजह से आज के भारत में ग्रामीण क्षेत्रो से प्रतिभाओ का पलायन होता जा रहा है !!
इन सब की वजह केवल सर्कार भी नहीं है जनता को भी जागरूक होंना पड़ेगा, सर्कार से गुजारिश करनी होगी ! की उसे कैसी शिक्षा की जरुरत है , और सरकार को शुरुआती शिक्षा में कुछ बदलाव करने होंगे सामान्य स्तर से ही ग्रामीण बच्चो को "तकनीकी" शिक्षा से जोडना होगा ! कक्षा एक से लेकर बारहवी तक "कम्पूटर" जैसे विषयों को जोड़ कर एक सराहनीय कदम उठाना होगा ! और जनता को महत्त्व समझते हुए इस तरीके की शिक्षाओ को अनिवार्य करना होगा !!आज के बदलते युग में प्रतिभाओ को और प्रतिभावान बनाकर उन्हें देश के काम आने का मौका देना होगा !! आशा है की इस ग्रामीण स्थिति पर सरकार की नजर जरुर पड़ेगी और वो जल्द से जल्द कुछ सराहनीय कदम उठाएगी.!!!