बापू के नाम एक पत्र

पूज्यनीय बापू ,

सादर चरणस्पर्श ।

हम इस कर्मभूमि पर दुरुस्त है और आशा करते है की आप भी अपने संसार में दुरुस्त होगे ! आपकी याद में देश सूना सा होता जा रहा है ! कभी ड्राई दे होता है तो कभी सफाई दे ! आपके जन्मदिन को सब अपने अपने हिसाब से यूज कर रहे है !
हाँ एक बात बतानी थी आपको शायद पता नहीं होगी, हमारे इस बार के जो प्रधानमंत्री है वो बहुत ही जान पहचान वाले घुमक्कड़ जिज्ञासा वाले है, मुझे पूरी विश्वास है अगर वो इसी तरह से घूमते रहे तो अपने पांच सालो में कोई नया देश जरूर खोज निकलेगे ! आपकी तरह उनका भी एक सपना था ‘अच्छे दिनो’ का, और उसमे वो सफल भी रहे आज उनके पास सब कुछ है उनका हर दिन किसी नयी जगह पर अच्छा ही होता है !
एक दुःख भरी खबर है बापू, अपने कलाम सर नहीं रहे ! वो भी इस मायावी और बेईमान संसार से दुखी हो गए थे! बांकी सब तो ठीक है बापू मगर अब देश की गरीबी , देश की सुरक्षा , देश के स्वाभिमान , देश के गौरव की अब कोई परवाह नही करता ! हाँ देश में अब बलात्कारो की संख्या भी बढ़ गयी है और सब ठीक है !
देश का काला धन अभी भी काली काली बैंको में पड़ा है बांकी सब ठीक है !
देश में कुछ गरीबो को अब भी खाना नहीं मिलता बापू बांकी सब ठीक है !
आपके के लिए दुखद समाचार है की आपका ''नमक कानून '' निरर्थक सा होता जा रहा है ! आपके द्वारा दिए गए
हथियार ''सत्य'' और ''अहिंषा '' के बारे में तो आपको पता ही होगा की इन हथियारों को तो विदेशियों को बेच दिए है ! आपका रामराज मुझे वास्तविक धरातल में लागू होता मुमकिन नही दिख रहा है ,,क्योकि आज की दुनिया और आज की राजनीती में ''रामराज '' का मतलब कुछ दूशरा ही है ! सब कुछ अच्छा है बापू यहाँ पर
यहाँ न तो न्याय है और न ही समानता और आदर्श आचरण की तो कोई अब बची है बांकी सब ठीक है ! चारो ओर बश एक ही होड़ है: मेरी जात तेरी जात से उची है; मेरा धर्म श्रेष्ठ है; मै तुमसे अच्छा और सच्चा हू....
आपको ये बाते जानकर दुःख तो होगा क्योकि आपका देश आज एक विलक्षण स्थिति में है लेकिन आज यही  सत्य है ,यह सत्यता तो क्षणिक है वास्तविकता तो अद्भुत है ! बापू अब आप का ही सहारा है ,कृपया अपनी शक्तिया हमारे अन्दर शामाहित करे !
अंत में एक दुर्लभ बात बताना चाहूगा की अमेरिकी राष्ट्रपति ''ओबामा दादू' 'आपको खाने पर आमंत्रित करना चाहते थे ! मगर इसी बीच हमारे प्रधानमंत्री जी दो बार उनके साथ खाना खा आये है ! अच्छा ही है आप उनकी कूटनीति से दूर ही है !
धन्यवाद ,पत्र का उत्तर जरूर लिखियेगा..
इंतजार में आपका
अंकुर'