नई किताब
मतलब एक नई दुनिया
एक नया चेहरे,
एक नया शहर,
नये नये विचार
सब कुछ नया, एक-दम नया
एक नई किताब के साथ आता था
बाबा के साथ पढने को
मगर,
मगर बस कल तक...
आज वक्त के साथ
सब गुजर गए
'बाबा' भी और वो 'किताबे' भी
कल उस नई किताब के
पन्नो के 'बीच'
एक नया 'खिला' हुआ 'फूल' रखा था,
सब तल्लीन थे इकरार में,
प्यार में
कभी फूल पन्ने की खुसबू सूंघता
तो कभी पन्ना फूल की खुसबू
मगर,
मगर बस कल तक...
आज... आज,
बच्चो के हाथ में तो एक नयी 'ई-किताब' है
जिससे 'बाबा' बेहिसाब और
बच्चे की परेशानियाँ लाजबाब है
'आज' की इस नई किताब के साथ...
परसों तक 'वो' बच्चे
बिना कलम, बिना दवात और बिना तख्ती
को जाने... पहचाने
पेड़ो के पत्तो से कहानियों
की एक किताब बना लेते थे
अजनबी चेहरों के साथ अजनबी शहर में
मगर आज मुकम्मल है एक नई 'ई-किताब'
"बाबा" की किताब से बहुत दूर...
#YugalVani
मतलब एक नई दुनिया
एक नया चेहरे,
एक नया शहर,
नये नये विचार
सब कुछ नया, एक-दम नया
एक नई किताब के साथ आता था
बाबा के साथ पढने को
मगर,
मगर बस कल तक...
आज वक्त के साथ
सब गुजर गए
'बाबा' भी और वो 'किताबे' भी
कल उस नई किताब के
पन्नो के 'बीच'
एक नया 'खिला' हुआ 'फूल' रखा था,
सब तल्लीन थे इकरार में,
प्यार में
कभी फूल पन्ने की खुसबू सूंघता
तो कभी पन्ना फूल की खुसबू
मगर,
मगर बस कल तक...
आज... आज,
बच्चो के हाथ में तो एक नयी 'ई-किताब' है
जिससे 'बाबा' बेहिसाब और
बच्चे की परेशानियाँ लाजबाब है
'आज' की इस नई किताब के साथ...
परसों तक 'वो' बच्चे
बिना कलम, बिना दवात और बिना तख्ती
को जाने... पहचाने
पेड़ो के पत्तो से कहानियों
की एक किताब बना लेते थे
अजनबी चेहरों के साथ अजनबी शहर में
मगर आज मुकम्मल है एक नई 'ई-किताब'
"बाबा" की किताब से बहुत दूर...
#YugalVani