भारतीय क्रिकेट टीम की इस परिसथिति को दयनीय कहे या सराहनीय ?- अंकुर मिश्र "युगल"

आखिर अब वो समय आ गया है जब भारतीय क्रिकेट को “बदले की भावना” का अंकुरण करना अनिवार्य है ! क्रिकेट वो भी भारतीय क्रिकेट, जिसके १२५ करोण उपासक है जहां की क्रिकेट आधारित फिल्म-“लगान” को कुछ समय पहले ही विश्व सिनेमा की सर्वोत्तम ५० फिल्मो में जगह मिली है, लेकिन भारतीय क्रिकेट का वर्तमान कुछ गर्त में दिख रहा है ! अब “लगान” की कहानी दोहराने का समय आ गया है ! अभी हाल ही में भारतीय क्रिकेट ने जिस कठिनतम समय की ललकार को झेला है, विचारक कहते है की वो भारतीय क्रिकेट इतिहास का सबसे कठिन समय था, उस कठिनतम समय में भारत के खिलाफ सारी परिस्थितियां भी थी, सभी खिलाडी चोटिल थे और “अंग्रेजी” टीम अपनी धरती पर हमारी टीम पर भरी थी ! हमें इस ऐतिहासिक हार का एहसास कुछ खुशियों की वजह से नहीं हुआ , धन्यवाद हो उन- “गैरी क्रिस्टन” का जिन्होंने हमें ऐसा बना दिया था की हम एक साथ सभी श्रेणियों के क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ हो गए थे , लेकिन उनके भारतीय क्रिकेट को छोडते ही हमें एक खतरनाख “झटका” लगा ! इसमें किसी को दोष भी नहीं दे सकते !
लेकिन अब पुनः हमारे पास ऐसा मौका है जिसके जरिये हम अपनी साख पुनः पा सकते है, इंग्लैण्ड का भारत दौरा है ,हमारे लिए सुनहरा मौका है ! अब उस धर्म की रक्षा करनी है जिसे हमने खुद अपने लिए बनाया है, हमें इन दौरे में सभी सकारात्मक परिस्थियां प्राप्त होगी, हमारा देश है , हमारे लोग है , हमारे समर्थक है, हमारे मैदान है और अब “हम” खेल रहे है !
लेकिन अब एक विपरीत परिस्थिति है अब न ही अन्ना हजारे का अनशन है और न ही बेकार टीम ! और भारतीय “मिडिया” भी जगी हुयी है यदि अब हारे तो “समर्थक और मीडिया” दोनों की टिप्पणियों के साथ-साथ कुछ अराजकता भी झेलनी पड़ सकती है! भारतीय क्रिकेट टीम की इस परिसथिति को दयनीय कहे या सराहनीय ????
परिणाम कुछ भी हो ,क्रिकेट धर्म के उपासक टीम से एक अच्छी विजय की कामना करते है, विजय दशमी का समय भी है विजय की कामना तो “धोनी” भी कर रहे होंगे , उनकी कामना पुरे देश की कामना है, अब तो विजय की जरुरत सबको है !
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