इंसान, दिल और बारिश

बारिश..
एक बारिश ने
कहा कुछ भी नहीं
ऐसी भी आदते होती हैं
दिल...
मगर दिल ने
सबकुछ सुना
ऐसी भी आदते होती हैं...
बारिश...
बारिश का वो शोर
जिसमे शहर के कुछ घर
शहम कर बैठ गए...
बारिश की वो ठंडक
मानो जैसे समसफ़र के साथ
हम खुद बैठ गए...
इंसान...
बारिश के उस पानी में
कुछ इंसान बेखौफ भीगातें रहे
तो कुछ बस अपने
मोबाईल और पैसे लपेटते रहे...
इंसान, दिल और बारिश
सब मनचले है
अपनी मर्जियों पर चलाते है
अपना कारोबार...
बिन बताए - बेवक्त
आते है और चले आते है
अजीब अदब है
ख़राब लगता है कभी-कभी?
‪#‎YugalVani‬