''सत्य और साहित्य'' : 'अंकुर मिश्रा' की हिंदी रचानाएँ (कहानियाँ और कवितायेँ )
अर्जुन के साथ सचिन का नया रूप- अंकुर मिश्र "युगल
जब आस्ट्रेलिया और भारत का दूसरा मैच खेला जा रहा था तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा की उसमे क्या होगा और क्या नहीं! यहाँ भारत ने २-० से मैच जीतकर इतिहास तो रच ही डाला ,और इसके साथ- साथ कई यादगार पल भी ऐतिहासिक बना दिए ऐसे पल जो दर्शको के साथ साथ ,खिलाडियों को भी हमेशा यद् रहेगे! क्रिकेट की दुनुया में रिकार्डो के बादशाह सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के भगवन तो है ही ऐसा हम सभी जानते है ,परन्तु हमेशा "नर्वस " ९० का शिकार होने के कारन उनके रिकार्डो की गिनती कुछ अलग सी लग रही थी !जरा सोचिये जिन भी मैच में वे "नर्वस " ९० का शिकार हुए है यदि उनमे उनके शतक होते तो रिकार्डो का नजारा क्या होता ! इनमे कुछ में सचिन की अनियमितता के कारन सफलता नहीं मिली ,और कुछ में उन्होंने "दबाव" में खेला लेकिन जिस तरह से सचिन का शतक यहाँ इस श्रंखला में देखने को मिला वह अत्यंत ही सोचनीय है और कहा जा सकता है अब सचिन पर "दबाव" का असर भी ख़त्म हो गया है !उन्होंने अपना शतक छक्के के साथ करते ही अपने बेटे की मनोकामना पूरी करने के साथ साथ करोणों आलोचकों की आलोचनाओ को भी ख़त्म कर दिया !कहते है कुछ समय पहले सचिन के बेटे अर्जुन ने अपने "पापा" से कहा था की "पापा" अप अपना शतक छक्का मारकर क्यों नहीं पूरा करते तब सचिन ने इस शतक के साथ अपने बेटे को जबाब दिया ,साथ ही अर्जुन ने भारत के गौरव को और गौरंवान्वित होने का नया रूप भी दिया है !!!
सचिन के इस नए रूप को सलाम ,साथ ही अर्जुन को धन्यवाद जिसने इस नए रूप को प्रेरणा दी !!!!
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