क्या “जान” की कीमत वक्तव्य है !- अंकुर मिश्र “युगल”

आज के भारत पर आतंको की बरसात का प्रमुख कारण “हमारी सुरक्षा व्यवस्था” है !लगातार सरकार के झांसो में फस रही भोली जनता आखिर कैसे माने की वो सुरक्षित है !जब ‘पालनहार’-सरकार ही हार माँन लेती है तो जनता की क्या मजाल ......! सरकार तो यहाँ तक कह डालती है की “हम हर तरह के आतंक से निपटने में सक्षम नहीं है !” आखिर इस वक्तव्य का क्या मतलब समझा जाए! क्या हमारी सरकार केवल हर तरीके की महँगाई बढाने में माहिर है !! क्या सरकार का ध्यान देश बचाने में नहीं है !! क्या सरकार के कोषागार में धन की कमी है जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था सुधारी जा सके !!क्या जनता को इस तरह के शब्दों के साथ दहशत में लाकर आतंरिक आतंक फ़ैलाने का इरादा है !! या कुछ और .. कही इटली की याद .......!
कुछ भी हो लेकिन ऐसे वक्तव्यों के साथ सरकार के लिए जनता के कुछ प्रश्न जरुर बनते है – सरकार कह रही है की “हम ‘हर’ तरीके के हमलों से निपटने में सक्षम नहीं है “ तो सर्कार ये बताये की आखिर कौन सा ऐसा हमला है जिसे उसने रोक लिया है या भूत में रोक लिया था ,...........
क्या २६/११ के हमले को रोका नहीं जा सकता था , क्या मुंबई में हुए १९९३ या ट्रेन ब्लास्ट को राका नहीं जा सकता था, क्या संसद के हमले को रोका नहीं जा सकता था और क्या एसे अनेक हमले जो हमने झेले है उन्हें रोका नहीं जा सकता था और यदि सरकार एक भी हमला रोकने में सक्षम होती तो उसे ऐसे वक्तव्य बोलने का अधिकार था !
सोचनीय तो यह है हम करोड़ो रुपये रक्षा के लिए खर्च करते है और इन सबके बावजूद ये सब ..........! इन करोड़ों के करोड़ो का दर्द ढोता है एक साधारण व्यक्ति जिसके लिए जीविका भी मुश्किल होती है ! आज सुरक्षित भी वही है जो ऊपर है ,ये कडवा सत्य है हमने/ आपने कभी ये नहीं सुना होगा के किसी बड़े राजनेता का आतंकी हमले में स्वर्गवास हो गया ! और हो सकता है की कभी भविष्य में ऐसे समाचार सुनने को मिले भी नहीं , और जिस दिन ऐसी खबर सुनने को मिलेगी उस दिन आप देखेगे की सुरक्षा व्यवस्था में किस तरह बदलाव आते है ! परन्तु ऐसा भविष्य में होगा ही नहीं क्योंकि आज के इन सभी कांडो के पीछे ...............................................................................................!
एक और सत्य जिस पर हमनें ध्यान नहीं दिया होगा किसी गरीबी योजना का लाभ लेने के लिए जब गरीबो की पंक्ति लगती है तो हम देखते है उस पंक्ति में भी गरीब गरीबी झेल रहा होता है और सबसे पीछे खड़ा होता है !यही रवैया आज की सुरक्षा व्यवस्था पर लागू है !
आज प्रमुख रूप से सुरक्षा तो उन्हें दी जाती है जो उचे-उचे पदों पर है, जिनके पास शक्ति है ! सोचनीय यह है की उस सुरक्षा का फायदा भी वही लेते है - जो गरीबो के लिए दी गई है आखिर यहाँ भी गरीब गरीबी की योजना में गरीबी महसूस करता है , और प्रमुखतः वही इन हमलों का शिकार होता है !!
उपर्युक्त से स्पष्ट है हर छोटी से छोटी व् बड़ी से बड़ी समस्या का कारण “हमारा संचालन” और “संचालक “ है उसी की वजह से आज की समस्याए “आज” पर और “हम” पर हावी है ! भ्रष्टाचार होता है , महंगाई होती है, बलात्कार होते है और आतंकी हमले होते है ! करोड़ो के धन के साथ-साथ लाखो की जाने जाती है और प्रतिउत्तर में नेताओ के वक्तव्य आते है, वह भी ऐसे वक्तव्य जो शहीदों को लज्जित करते है ! आज के भारत को आज के सामने रखने के लिए और आज की चुनौतियों से लड़ने के लिए हमें सुद्रिड संचालक और संचालक के आवश्यकता है !