सच चाहे जितना तीखा हो धंस जाये तीर सा सीने में !
सुनने वाले तिलमिला उठे लथपथ हो जाये पसीने में !!
लेकिन दुर्घटना के भय से कब तक चुपचाप रहेंगे हम !
नस-नस में लावा उबल रहा कितना संताप सहेगे हम !!
जिन दुष्टों ने भारत माँ की है काट भुजा दोनों डाली!
पूंजे जो लाबर,बाबर को श्री राम चंद्र को दे गली !!
उन लोगो को भारत भू पर होगा तिलभर होगा स्थान नहीं !
वे छोड़ जाएँ इस धरती को उनका ये हिंदुस्तान नहीं !!
हमको न मोहम्मद से नफ़रत, ईसा से हमको बैर नहीं !
दस के दस गुरु अपने उनमे से कोई गैर नहीं !!
मंदिर में गूंजे वेदमंत्र गुरु-द्वारों में अरदास चले !
गिरजाघर में घंटे बजे मस्जिद में में खूब नवाज चले !!
होगा न हमें कुछ एतराज इसका न तनिक भी गम होगा !
पर करे देश से गद्दारी उनको तो सिर्फ कफ़न होगा !!
स्त्रोत-अज्ञात......
5 टिप्पणियां:
achchhe vichaar hain bandhu. Prashansaneey.
Awesome. Gaddaron ko to kafan bhi nahi milna chahiye. Samundar me dalo aur Jai Shri Ram bolo.
NICE THINKING !!!!!!
एकदम सत्य, यथार्थ।
जागो माँ भारती के सपूतों जागो।।
जय हिंद।।
Bahut Shi Mishra Ji...
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