एक क्लिक से आप किसी की भूख मिटा सकते है.....


आज फिर से उसी गहन समस्या पर पुनः एक प्रयाश करने ही कोशिशि कर रहा हूँ!
जिसकोप्राप्त करने के लिए कुछ असहाय लोग बराबर प्रयासरत है हैं और तो और तमाम सरकारी संगठन भी लगातार अनेक तरीको से लोगो को इस विसम विपदा से निजात दिलाने में संघर्षरत है!!!!!!!!!!!!!!!
जी हा मै बात कर रहा हूँ ''भूख'' की जिससे लगभग ७००० लोग प्रतिदिन अपना जीवन गवां देते हैं !
क्या हम उनके लिए थोडा भी प्रयाश नहीं कर सकते है,
हम उन्हें खाना देने की अवस्था में नहीं है तो क्या हम लोगो को प्रोत्साहित नहीं कर सकते ताकि जो इसके काबिल हैं वो तो इसमे अपना हाथ बटाएं !
और हम काबिल नहीं है तो हमारे पास अनेक तरीके हैं जिनके जरिये हम भी उन लोगो तक भोजन पंहुचा सकते है जिनको हमसे ज्यादा जरुरत है !
जी हाँ आज मै एक ऐसे ही तरीके की बात यहाँ कर रहा हूँ
यदि आप प्रतिदिन http://www.bhookh.com/ पर क्लीक करते है तो इस वेबसाइट के माध्यम से उन असहाय लोगो तक हम भोजन पंहुचा सकते है !!!!
जी हा यह एक NGO है जो ऐसा करता है !
तो क्या हम उन असहाय लोगो की सहायता के लिए हम अपनी उंगलियों को भी नहीं हिला सकते है ,
यदि इस कार्य को करने में भी सक्षम नहीं है तो धिक्कार है हमारे इस जीवन को और इस मानव शारीर को !!!!

आखिर कब तक बलि चढ़वाने का इरादा है हमारी सरकार का !.....


पिछले कुछ वर्षो से लगातार नक्सली हमलो से मरने वालो की सख्या हजारो में पहुँछ गई होगी! लेकिन इससे निजत का आज भी सरकार को कोई उपाय नहीं सूझ रहा !
हाँ हो सकता है हमारी सरकार यहाँ भी पं. जवाहर लाल नेहरु जी के शांति के समझौते को लागू कर रही हो!
वो नक्सलियों को सन्देश दे रही हो की आप हमला करो हम जबाब नहीं देगें !
लेकिन सरकार को यह तो समझना ही चाहिए की नक्सली यहीं से पैदा हुये है और उन्हें मालूम है हमारी नीतियाँ क्या है ,हमारी शांति की नीति भी उन्हें मालूम है!
और सोचनीय तो यह है की वो हमारे खिलाफ हथियार उठाने वाले है और क्या उन्हें शांति की परिभाषा भी आती होगी !
जो हम उन्हें लगातार शांति के और प्रत्यर्पण के सन्देश दे रहे है!
खुले रूप से कहा जाये तो नक्सलवाद आज भारत में आतंकवाद का रूप ले चुका है !
यहाँ भी यही सोचनीय है की आतंकवादी भी अपनों को कभी घात नहीं पहुचाते पर ये तो अपनों को समाप्त करने पर तुले है!
तब इन्हें क्या आतंकवाद और नक्सलवाद की संज्ञा भी सही है ! मेरे हिसाब से नहीं !!!!!!!!!!!!!!!!
आखिर इससे ये प्राप्त क्या कर लेगे ,क्या ये सरकार को चुनौती दे रहे है या समाज में अपना भय व्याप्त कर रहे है ये तो वही जानें//.
पर यहाँ हमारी सरकार को सही कदम उठाने की जरुरत है सरकार को खुद के भविष्य की नहीं तो जनता के भविष्य की चिंता तो करनी ही पड़ेगी ,उन सेनानियों की चिंता तो करनी ही पड़ेगी जो मंत्रियो जैसी विशाल सुरक्षा नहीं रखते है और दूसरो के लिए खुद को निक्षावर कर देते है ! वही सिपाही व सेनानी प्रतिदिन सहीद हो रहे है और सरकार उन्हें क्षणिक सम्मान देकर सहीद घोषित कर देती है ! सरकार को उन शहीदों को ही न्याय दिलाने की जरुरत आज के समाज की आवाज है अथवा वो दिन भी दूर नहीं होगा जब हम अपनों के साथ भी चलने में कतरायेंगे!!!!!!!!!!!!!!
वो भी चंद महानुभावो की वजह से जो मानव जाति में अपना भयावह सन्देश भेज रहें है !!!!

''सत्य ,साहित्य और समाज ''.........: देश की युवा प्रतिभाओ को सही प्रतिभा को चुनकर उसका साथ देने की जरुरत है ...........

''सत्य ,साहित्य और समाज ''.........: देश की युवा प्रतिभाओ को सही प्रतिभा को चुनकर उसका साथ देने की जरुरत है ...........

देश की युवा प्रतिभाओ को सही प्रतिभा को चुनकर उसका साथ देने की जरुरत है ...........


आखिरकार भारतीय जनता पार्टी की युवा मोर्चा इकाई को कोई कुशल खेवन हार मिल ही गया!
लगातार बिगड़ते समीकरणों के बीच अब भारती जनता पार्टी को पालिक हार के दुस्वप्नो से बहार आकर विजय अभियान की सुरुआत करने की जरुरत है
अब पार्टी में लगातार बल का समार्जन होता नजर आ रहा है !
वो चाहे पार्टी के चहेते नेताओ की गृह वापसी हो!!!!!!!!!!!!
अथवा
पार्टी की युवा मोर्चा इकाई की कमान श्री अनुराग ठाकुर के हाथों में सौपना हो !
जी हाँ हम बात कर रहे है "भारतीय जनता युवा मोर्चा" जो अपने आप में युवाओं का एक समूह है !
जिसने देश की राजनीती को परिवर्तित कर दिया है जो जोश और उत्साह से समार्जित है,
परन्तु इन सब के बावजूद जो
लगातार नेत्रित्व की कमी से जूझ रही थी !!
इस कठिन विपदा में आखिरकार भाजपा को अनुराग ठाकुर के रूप में एक कुशल भाजयुमो अध्यक्ष मिल ही गया !
जी हा "अनुराग ठाकुर" जिन्होंने अपना राजनितिक जीवन हिमांचल प्रदेश के हमीरपुर से सुरु करा तथा अपना प्रमुख शौख क्रिकेट भी साथ में ही रखा और हिमांचल क्रिकेट एसोसिएसन के अध्धयक्ष भी रहे! लगातार दो बार से हमीरपुर जैसी प्रसिध्ध लोक सभा सीट से सांसद भी है !
स्पष्ट द्रिस्थाव्य है की ऐसी महान प्रतिभा भाजयुमो को किस मुकाम तक नहीं पंहुचा सकती है!
बस इस कार्य के लिए जरुरत है तो देश की युवा प्रतिभाओ को सही प्रतिभा को चुनकर उसका साथ देने का !
आशा है इस बात पर देश के युवा विचार जरुर करेगे !!!!!!!!!!

कृपया खाने के अपव्यय को रोकिये..............


क्या आपको भरपूर्ण पेट खाना मिल रहा है ????
पर हजारो लोग ऐसे है जिन्हें ये भी नसीब नहीं होता है !
यहाँ सोचनीय यह है की इस स्थिति में बच्चो का क्या हल होता होगा!
यहाँ यह कल्पना आप केवल अपने बच्चो पर लागु करके जन सकते है !
इसी समस्या के थोड़े बहुत निनाद के लिए मै अपने पास आये एक मेल को आप तक स्थानांतरित कर रहा हूँ कृपया पढ़े अवश्य.......
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"अगर आगे से कभी आपके घर में पार्टी / समारोह हो और खाना बच जाये या बेकार जा रहा हो तो बिना झिझके आप 1098 (केवल भारत में )पर फ़ोन करें - यह एक मजाक नहीं है - यह चाइल्ड हेल्पलाइन है । वे आयेंगे और भोजन एकत्रित करके ले जायेंगे।
इस अन्न से उन बच्चों का पेट भर सकता है!
हम चुटकुले और स्पाम मेल अपने दोस्तों और अपने नेटवर्क में करते हैं ,क्यों नहीं इस बार इस अच्छे सन्देश को आगे से आगे मेल करें ताकि हम भारत को रहने के लिए दुनिया की सबसे अच्छी जगह बनाने में सहयोग कर सकें -
'मदद करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होंठो से अच्छे होते हैं ' - हमें अपना मददगार हाथ देंवे ।
भगवान की तसवीरें फॉरवर्ड करने से किसी को गुड लक मिला या नहीं मालूम नहीं पर एक मेल अगर भूखे बच्चे तक खाना फॉरवर्ड कर सके तो यह ज्यादा बेहतर है. कृपया क्रम जारी रखें !!!!!
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For more Help...........
http://www.childlineindia.org.in/

इस बार जापान क्यों नहीं.......


फीफा फुटबाल विश्वकप के परिणाम का समय अब नजदीक आ रहा है आप किसको विजय रथ पर सवार कर रहे है.
अब तो १६ टीमे है अनुमान लगाने में ज्यादा कठिनाई नहीं होगी.....
मै तो इस बार 'जापान' को इस रथ पर देखना चाहता हूँ और आप ?
अब आप सोचेगे जापान ही क्यों,
तब मै कहुगा
''क्योकि वो एक ऐसा राष्ट्र है जो संघर्ष के प्रत्येक पथ पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है! और उसमे इस कार्य को करने की छमता है
हमारी टीम तो है नहीं तब क्यों न हम ब्राजील व अन्य टीमो को छोड़कर अपने पडोसी को इस रथ पर सवार करें!''
ये मैंने सोचा है जरुरी नहीं सभी की सोच एक जैसी हो!

पुराने ताकतवर नेताओ की गृह वापसी कांग्रेस के सामने एक मुसीबत खड़ी कर सकती है!...


तमाम पुराने ताकतवर नेताओ की गृह वापसी कांग्रेस के सामने एक मुसीबत खड़ी कर सकती है!
अब भाजपा में लगे ग्रहण के समाप्ति का समय आ चुका है.!
अब ऐसा लग रहा है है की पुराने ताकतवर नेताओ के टीम में वापसी से भाजपा पुनः अपने पुराने रंग में दिख सकती है!
क्योकि ये वही हस्तिय है जिन्होंने जनता पार्टी को देश में उसकी शान दिलाई थी!
भाजपा को केंद्र में पहुचाया था!
अतः कांग्रेस सरकार को यदि दोबारा सप्ता में आना है कम से कम अब तो कुछ देश के लिए सोचे!
उसके मंत्रियो व पूरी सरकार ने अपनी कुर्सियों के लिए स्तीफे,संगोष्ठी जैसे खेलो को खूब खेला है लेकिन अब इनसे काम नहीं चलने वाला!
अब तो विकाश ही एकमात्र सहारा है, वही ऐसा ब्रह्मास्त्र है जो देश व सरकार दोनों को विकाश के मार्ग पर ले जा सकता है!!!!!

आतंरिक अंको(Internal Marks) की समाप्ति आवश्यक ..


शिक्षा विभाग को चाहिए की विद्यालय या विशाव्विध्यालय से छात्रो को मिलने वाले आतंरिक अंक (Internal Marks ) को समाप्त कर एक और सराहनीय कदम उठाये !
हाँ इस कार्य में अनेक वधाएँ जरुर आयेगे, अनेक विरोध भी होगे और कुछ छात्र और शिक्षक व्यक्तिगत रूप से आहत भी होगे ,परन्तु यह संख्या पक्ष के लोगो से कम ही होगी और यह कार्य विद्या एवं विद्यार्थी हित में होगा ! वर्तमान में विद्यालय व विश्वविद्यालय में इन अंको (marks) के कारण एक लम्बी राजनीती होती है जो छात्र एवं अध्यापक दोनों के लिए हानिकारक है , कभी इस राजनीती में कोई शिक्षक किसी विद्यार्थी को शिकार बनाता है तो कभी खुद कोई शिक्षक इसमे बलि चढ़ जाता है !
हाँ यह सत्य है की विद्यालय य विश्वविद्यालय में छात्रो व शिक्षक के सम्बन्ध अच्छे होते है पर ये सम्बन्ध सभी के साथ अच्छे नहीं होते है!
कभी कोई शिक्षक किसी विद्यार्थी को किसी व्यक्तिगत कारण की वजह से अंक(marks) कम देकर बलि का बकरा बनाता है तो कभी कोई विद्यार्थी अनेक असम्मानानीय कदमो को उठाकर अच्छे अंक(marks) प्राप्त करना चाहता है जो शिक्षक और शिक्षार्थी के संबंधो की गरिमा को ढेस पहुछाता है !
वास्तविकता तो यह है की कोई छात्र इन आन्तरिक अंको(Internal marks) के लिए कोई मेहनत ही नहीं करना चाहता है बस वो मेहनत करता है तो शिक्षक से अच्छे सम्बन्ध बनाने की जो उसे शिक्षक की नजरो में ले जा सके ! और अच्छे अंक(marks ) दिलाने में सहायता कर सके !
हमें आन्तरिक ह्रदय से सोचना चाहिए की आखिर इन अंको का क्या महत्त्व जिनके लिए इस तरीके की राजनीती खेली जाती हो !
विद्या ,विद्यार्थी और विद्यालय एक ऐसा मंदिर है जहा सरलता ,शीतलता जैसी पूज्य सामग्री को लेकर प्रवेश करते है फिर ऐसा जानते हुये भी क्या हम इसका उपहास बनाए में आनंद प्राप्त करते है वो भी ऐसा उपहास जो हमें खुद को सोचने पर मजबूर कर दे !
अलग अलग सस्थानो द्वारा अलग अलग प्रणाली से आन्तरिक अंक(Internal marks ) प्रदान किये जाते है जिससे कभी छात्र को संतुस्ती तो होती ही नहीं है तब ऐसी स्थिति में हमारी केंद्र एवं राज्य सरकारों के शिक्षा मंत्रालयों को चाहिए की समाज को समाज के सामने अपने आप को पठनीय बनाने वाली शिक्षा को कुछ नया दे उसे ऐसे आवाम प्रदान करे की विद्या इस भ्रष्टाचार से बच जाये !आन्तरिक अंको(Internal marks) को समाप्त करके पूरे मुल्यांकन को वाह मुल्यांकन में परिवर्तन ही इसका एक हल नजर आता है !
इस मुल्यांकन के जरिये वास्तविक प्रतिभाये तो उभर के आयेगी ही साथ में छात्रो में ज्ञान में भी ब्रद्धि होगी !!!!
आशा है हमारी सरकारे इस विचार पर विचार जरुर करेगी !!!!!!!!!!!

हर विधेयक को जनता की मंजूरी जरुरी है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!



हम ऐसे राष्ट्र में निवास करते है जहाँ प्रतिदिन कोई न कोई नियम कानून सरकर द्वारा जरुर बनाया जाता है
ऐसे में हम क्यों न एक ऐसी तकनीक विकसित करे जो प्रत्येक सरकारी विधेयक तक जनता का निर्णय पंहुचा सके !
मेरे व्यक्तिगत विचार से ऐसी तकनीक को हम ATM आधारित तकनीक से ले सकते है !
वर्तमान में हमारी जनगणना 2011 चल रही है जिसके बाद एक राष्ट्रिय पहचान पत्र बनाने की बात कही गयी है ! हमारी सरकार को चाहिए की वह इस पहचान पत्र में थोडा सा सुधर करके इसे थोड़ी मेमोरी देकर एक ''ATM'' कार्ड का स्वरुप दे देदे इस कार्ड में व्यक्ति की जानकारी हो जो राष्ट्रिय पहचान का कम करे औत यह वोटर कार्ड का भी का कम करे तथा इसके जरिये हमें ऐसी मशीन लगानी चाहिए जिसके जरिये हम किसी विधेयक में अपनी प्रतिक्रिया दे सके !!!!
हाँ हमें मशीन लगाने में दिक्कत हो सकती है पर इससे हमें अनेक लाभ होगे ......
1.) हमारी जनता सरकारी निर्णयों एवं विधेयको पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकती है !
2.)हम इस मशीन के जरिये देश के बार बार होने वाले चुनावो के खर्च को कम क्या बहुत कम कर सकते है !
3.)किसी सामूहिक समस्या को हम सामूहिक rup से सरकार तक पंहुचा सकते है !
4.)इस कार्ड में हमारी साडी जानकारी हो जो सुरक्षा व्यवस्था में हमारी सहायता करे !
इसके आलावा भी अनेक लाभ होगे जो हमें इस तकनीक को सुरु करने के बाद दिख सकते है !
अतः मै सरकार से निवेदन करुगा की इस छोटी सी पहल पर विचार जरुर करे !!!!

हमारी सरकारे समस्यायों का समाधान जल्दी कर सकती है पर नहीं.....


जब देश गरीबी व भ्रष्टाचार जैसे कष्टों से गले मिला कर चल रहा हो और देश कि मौजूदा सरकार मुद्रास्फीति दिखाकर लोगो के घावो में मरहम लगा रही हो , तब ऐसी स्थिति में मौजूदा विपक्ष कि स्थिति अत्यंत मजबूत होनी चाहिए ,लेकिन आज जो दशा हमारे देश के विपक्ष कि है वह अत्यंत दयनीय है इसके सभी सदस्य आपस में ही युद्ध में व्यस्त है तब ऐसी स्थिति में हमें देश के लिए कुछ करना चाहिए अथवा नकारात्मक परिणाम हम जानते ही है !
लेकिन यदि हप सरकार को सुधरने का प्रयास करते है तो उसके पास ''बहु मत'' है हमारा उस पर प्रभाव शायद ही पड़े अतः ऐसी स्थिति में हमें विपक्ष को मजबूत करना चाहिए जिससे हमारा देश गर्त में जाने से बच सके !
विपक्ष को मजबूत करने से सरकार द्वारा लाये गए जबरन विधेयको को स्वीकृति नहीं मिलेगी और जन समूह को इसका लाभ मिलेगा !
आखिर हमें बोफोर्स घोटाले , भोपाल गैस आपदा के परिणाम भी चाहिए ! हमें हमारी महगाई के कारण चाहिए ! हमें उनके लिए न्याय चाहिए जिन्होंने मुंबई बम ब्लास्ट में जाने दी !यह सब हम लगातार देख रहे है और साथ ही हम यह भी देख रहे है कि आज देश के सबसे सुरक्षित व्यक्तियों में "अजमल कसाब और अफजल" जैसे लोग है जिन्होंने देश कि सुरक्षा ही ख़त्म कर दी !
क्या हमारी सरकारे इन समस्यायों का समाधान जल्दी नहीं कर सकती है पर नहीं !
क्या हमारी सरकार उसी खर्च को बचाकर देश हित में नहीं लगा सकती है पर नहीं !
पर हमें ऐसा ही करवाना होगा यदि हमें समाज में अपने आप को और विश्व में अपने भारत को देखना है तो !
इस कार्य के लिए प्रथम प्राथमिकता हमें अपने विपक्ष को मजबूत करना है उन्हें किसी तरह संगठित करना है और उनसे देश हित में कार्य करवाना है !!!!
अथवा भविष्य के परिणामो कि कल्पना आप खुद आज से कर सकते है !!!!!!!!