"अतीत" पर गर्व नही "भविष्य" पर चिंतन करें....................



अक्सर लोग अतीत की सुनहरी गाथा में ख़ुद को गम कर लेते है !वह यह भूल जाते है की उनके सामने भविष्य पड़ा है ! जहाँ से उनकी सफलता की कहानी लिखी जाती हैं ! लेकिन भविष्य की योजना बनाकर वह अतीत के उन सुनहरे पालो को यद् करते है जो उन्हें सुकून देता है ! अगर हममे कोई खराबी है तो हम अपने पुरखो को दोष देते हैं ! यही कारन है की हम अपनी कमियों की तरफ़ ध्यान न देकर अपनी अश्फलता का दोष औरो के सर मध् देते है !ज्यादातर लोगो के मन में यही भावना होती है जबकि यैसे लोग जो दूरदृष्टि रखते है और अपने लक्ष्य के प्रति इमानदार होते है ! वे हमेशा भविष्य के बारे में सोचते है और बातें करते हैं ! उनका तर्क यह होता है की जो कुछ हो चुका है , उस पर गर्व करना बेकार है अपने अतीत से उत्साहित होकर हमें ऐसे कम करने चाहिए ताकि भविष्य अतीत से अच्छा हो ! यही कर्ण है की जापान प्रित्येक हर के बाद पहले से शक्तिशाली हो जत्ज है !एक सकारात्मक दृष्टिकोण स्वफलता के लिए प्रिथम आवस्यकता है ! हमें अतीत में न रहकर भविष्य के बारे में सोचना चाहिए ! यदि हम ऐसा नही करते है तो केवल स्वप्न आगे बढ़ते रहते है !अतीत में खोए न रहकर वे भविष्य के बारे में सोचते हैं ! अतीत में न रहकर एक लाभ और है की हम नई तकनीक , नई दिशा और नए ज्ञान का ''अंकुरण'' कराने में लाभ प्राप्त करते है ! इसमे नै प्रेरणे मिलाती है और हम और अधिक जोश से कम करते है ! एपी भी प्रयत्न करे और अतीत से निकलकर भविष्य के बारे में सोचे ताकि सफलता आपके कदमो को स्पर्श करे ! ''अंकुर मिश्रा ''युगल

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