कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है...
किसी साधारण व्यक्तित्व के लिए कुछ पंक्तियाँ एक असाधारण पहचान बन सकती है, सोचना थोड़ा कठिन लगता है ! मगर एक नाम जो आज सभी से परिचित है, कोई कवि के रूप में जानता है तो कोई समाज सेवी के नाम से, कभी उनके देशभक्ति के गीत मन को झकझोर जाते है तो कभी प्रेम और दीवानगी के गीत आखो में आंसू दिला जाते है ! डॉ. कुमार विश्वास जिनको उनकी कविताओँ ने आज विश्व में एक अलग पहचान दिला दी ! उनका हिंदी के प्रति एक अलग प्यार है, विश्व के कई देशो में हिंदी का परचम उनकी वजह से लहरा रहा है !
घर वालो ने इंजीनियरिंग के साथ जीवन को बढ़ाने के लिए कालेज भेजा मगर कुमार विश्वास ने जीवन कही और चुना, कविताओ में, हिंदी में, समाज सेवा में ! रास्ता कठिन था मगर असंभव नहीं, जज्बा और हौसला साथ था जिसके साथ जीवन असंभव भी संभव कर सकता है ! छोटे छोटे कवि सम्मेलनों से कविताये शुरू की और आज देश के आई. आई. टी. एवं आई. आई. एम. समेत हर बड़े कालेज और कंपनी में अपनी कविताओ से लोगो का दिल जीत चुके है, देश के आलावा विदेशो में भी अपनी कविताओ का विगुल कुमार विश्वास ने बजाया है !
कविताओ के अलावा डॉ कुमार विश्वास ने देश के कई सामाजिक और राजनैतिक आंदोलनों में देश का साथ दिया ! देश में बदलाव के लिए अन्ना हज़ारे का सामाजिक आंदोलन हो या अरविन्द केजरीवाल का राजनैतिक आंदोलन, कुमार विश्वास हमेशा सारथी की भूमिका में नजर आये ! अपने ओजस्वी भाषणो से कभी जनता को जगरूप किया तो कभी भ्रष्ट नेताओ की खिल्ली उड़ाई , मगर हर लड़ाई में आगे डटे रहे !
ऐसे कम लोग होते है जो जिंदगी में जो करना चाहते है किसी भी परिस्तिथि में उसी को अपनाते है और जिंदगी में आगे बढ़ते है कुमार विश्वास उन्ही नामो में से एक है ! जो जिंदगी में चाहा वही किया, इंजीनियरिंग नहीं करनी थी नहीं की, कविताये करनी थी कवितायेँ की, हिंदी में रूचि थी हिंदी पढ़ी और हिंदी को आगे पढ़ाया !
किसी भी व्यवसायी के लिए कुमार विश्वास से अच्छा आदर्श कोई नहीं हो सकता
जिंदगी में जो करना है 'बस करो', हौसला रखो परिस्थितियां साथ देने लगती है !
घर के सदस्य आज नहीं मानते कल जरूर मानेगे, पैसे आज नहीं है कल जरूर होगे।
किसी की पंक्तियाँ है :
"ख़म थोक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पैर उखड़,
मानव जब जोर लगाता है, पत्थर भी पानी बन जाता है."
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