"दादा " नहीं तो क्रिकेट नहीं --अंकुर मिश्र "युगल"

"दादा " नहीं तो क्रिकेट नहीं --अंकुर मिश्र "युगल"

भारतीय क्रिकेट की शान सौरभ गांगुली को इंडियन प्रीमियर लीग की किसी टीम में जगह न मिलना किस बात को प्रदर्शित करता है, बांकी टीमों को छोडिये उन्हें उनकी घरेलु टीम कोलकत्ता नॉटराइडर में जगह न देना क्रिकेट को गिराने की एक मुहीम को दिखता है ! भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व के मानचित्र में पहचान दिलाने वाले सौरभ गांगुली के बिना कोई क्रिकेट मैच संभव नहीं है ! आखिर क्या कारण है जिनके वजह से उन्हें केकेआर या किसी एनी टीम में जगह नहीं दी गई ,क्या किसी ने ग्रेग चैपल सर से किसी ने सलाह ली है या फिर उनके परफार्मेंस को देखते हुए ऐसा हुआ !पर जो भी हो सौरभ गांगुली भारतीय क्रिकेट के लिए ही नहीं बल्कि विश्व क्क्रिकेट के लिए माननीय है ,उनका न खेलना विश्व क्रिकेट में भूकंप ला सकता है ,क्रिकेट प्रेमी तो कहते है "दादा नहीं तो क्रिकेट नहीं " माननीयों यदि क्रिकेट में आतंरिक या बाह्य किसी भी रूप में लगाव रखना है लो इस प्रतिमूर्ति को नजरंदाज मत करो! २००३ का विश्काप भूल गए क्या ,उनकी १८३ की पारी भूल गए क्या ,उनके १००००० से ज्यादा रन भूल गए क्या या उनकी टीम भावना को भूल गए यदि भूल गए है तो यद् करिये !"दादा" के बिना क्रिकेट संभव ही नहीं है !!

2 टिप्‍पणियां:

Prateek Gupta ने कहा…

but my dear frnd ye odi ya test nhiye t20 ka fast cricket hai yha dada jaise slow cricketer ka koi kam nhi...aur kyu shahrukh apne paise waste kare har baar.
Now think about it,,

Prateek Gupta ने कहा…

T20 ki aise kaun si innings hai jiske base k liye dada ko team me liya jaye,,,
There is no blastful innings by dada in T20.