''सत्य और साहित्य'' : 'अंकुर मिश्रा' की हिंदी रचानाएँ (कहानियाँ और कवितायेँ )
हर क्षण हर पल कितना अहम हुआ विज्ञान ! ---अंकुर मिश्र ''युगल''
हर क्षण हर पल कितना अहम हुआ विज्ञान !
चाँद सितारों को छू लेना अब बिलकुल आसान !
नै क्रांति पैदा कर दी है धरती पर विज्ञान ने !
नए-नए सोपान सृजन के रच डाले इन्सान ने !
हुआ असंभव भी अब संभव है इसका हर प्रयोग है !
सपनो को साकार करेगी इसकी ''अंकुरित'' उडान !
..............हर क्षण हर पल कितना अहम हुआ विज्ञान.....
श्रम और समय बचा देता है प्रगति पथ का नायक है !
शांति सुरक्षा और सम्रिथ्थी में भी बहुत सहायक है !
अब तो यह वरदान हो गया उन्नति की पहचान है !
वैज्ञानिक पध्दती अपना कर खुश है आज हर किसान !
.............हर क्षण हर पल कितना अहम हुआ विज्ञान........
विकसित हो विज्ञान मगर मानव हित सर्वोपरि हो !
क्या प्राणी क्या जीवजन्तु जड़ चेतन को हितकर हो !
कठिनाई का समाधान हो ऐसा बस ऐसा विज्ञान हो !
इसके हर संभव से बन जाये अपना देश ''महान''!
.............हर क्षण हर पल कितना अहम हुआ विज्ञान........
अंकुर मिश्र ''युगल''
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3 टिप्पणियां:
vigyaan ne to hamesha achambhit kiya.....ek-se-ek aage badhne ki chijen di,par itna ki samany kuch nahi raha
आपकी बेहतर कोशिश अंकुर जी। विज्ञान तो महत्वपूर्ण है ही मानव जीवन के लिए।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blospot.com
very good ankur
lage raho
achchhi post
plz
keep it up
"pyasa"
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