भ्रष्टाचार "लोकपाल" से नहीं "घर" से ख़त्म होगा : अंकुर मिश्र "युगल"
पूर्व राष्ट्रपति एवं महं वैज्ञानिक अब्दुल कलाम द्वारा दिए गए संदेश में कहा गया की यदि भारत से भ्रष्टाचार ख़त्म करना है तो केवल "लोकपाल: पर्याप्त नहीं है उसके लिए हर छोटे से छोटे बच्चे को जगरूप होना पड़ेगा ! हर बच्चे को अपने माता-पिता को भ्रष्टाचार करने से मना करना होगा , यही एक ऐसा उपाय है जिसके जरिये देश में भ्रष्टाचार पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है , "लोकपाल" से केवल देश के जेलों को भरा जा सकता है लेकिन यदि हर घर से भ्रष्टाचार का खात्मा हो जाये तो जेलों की जरुरत नहीं पड़ेगी, और हमें देश को बचाने के लिए जरुरी ही नहीं की जेलों को ही भरा जाये उससे कानून व्यवस्था में भी फर्क पड़ेगा और समस्या समस्या ही बनी रहेगी ! इन वक्तव्यों को लोकपाल के लिए संघर्ष कर रहे "अन्ना हजारे" ने भी स्वीकार किया !
वैसे इन वक्तव्यों में ताकत भी है! "अब्दुल कलाम " की पुस्तक "विसन-२०२०" भी इन्ही सब पर जोर देती है, देश के ऐसे महानायक जो २०१२ में होते हुए भी २०२५ की सोचते है, जिनका अनुभव देश के प्रत्येक क्षेत्र में है, देश को परमाणु शक्ति से ओत-प्रोत कर दिया, बच्चो के प्यारे "महान वैज्ञानिक" देश की हर समस्या में साथ देने वाले ,, उनके ये वक्तव्य हर छोटे बच्चे को प्रोत्साहित करेगे !
बच्चे ही परिवार का वो हिस्सा होते है जिनकी किसी भी बात को घर वाले मान सकते है !
देश की सबसे बड़ी समस्या "भ्रष्टाचार" से लड़ाई के लिए उनके इन वक्तव्यों से देश को काफी सहायता मिलेगी ! देश से बुरे ह्लातो को खात्मा करना है न की बुरे आदमी बनाना, अतः जेल भरने से कोई फायदा नहीं है ! सबसे छोटी इकाई "घर" ही ऐसा तथ्य है जिसके जरिये जिस समस्या ने निपटा जा सकता है !
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